मुंबई, 15 नवंबर (उदयपुर किरण). बड़ी ऑनलाइन कंपनियों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए रिटेल कारोबारियों ने सरकार से शीघ्र ई कॉमर्स पोर्टल शुरू करने की मांग की है. रिटेल कारोबारियों के राष्ट्रीय संगठन कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्र सरकार से मांग की है की देश के छोटे व्यापारियों को ई कॉमर्स कारोबार से जोड़ने के लिए एक ई कॉमर्स पोर्टल शुरू किया जाए जिस पर व्यापारी स्वतंत्रतापूर्वक व्यापार कर सकें.
कैट की यह भी मांग है कि बड़ी ऑनलाइन कंपनियों की मनमानी रोकने के लिए सरकार तुरंत ई कॉमर्स पालिसी की घोषणा करे और ई कॉमर्स व्यापार के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का भी गठन करे. केंद्रीय वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु को भेजे एक ज्ञापन में कैट ने कहा है की वर्तमान में बड़ी ऑनलाइन कंपनियों के मनमाने रवैये से देश का ई कॉमर्स व्यापार पूरी तरह विषाक्त हो गया है. ऑनलाइन कंपनियां सरकार की वर्ष 2016 की एफडीआई पालिसी के प्रेस नोट 3 का खुला उल्लंघन कर रही हैं. लागत से भी कम मूल्य पर माल बेचना,बड़े डिस्काउंट देना आदि सभी प्रकार के हथकंडे अपना कर बाज़ार पर कब्ज़ा जमाने का षड्यंत्र रच रही हैं.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी.भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल के मुताबिक कई बार इन कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने के बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. जिससे इन कंपनियों का हौसला बढ़ा है जो और भी ज्यादा तरीके से पालिसी का उल्लंघन कर सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचने के लिए कई हथकंडे अपना रही हैं. नियमानुसार कंपनियां सीधे उपभोक्ताओं के साथ व्यापार नहीं कर सकती ! कंपनियां के इस रवैये से बाज़ार में असमान प्रतियोगिता का वातावरण बना है और ये सभी कंपनियां सीधे तौर पर कीमतों को प्रभावित कर रही हैं ! ये कंपनियां एक योजना के तहत केवल अपने ही कुछ चंद व्यापारियों को ही अपने पोर्टल पर व्यापार करने का मौका देती है. जो अन्य व्यापारी इनके पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं, उनको व्यापार का मौका नहीं मिलता.