नई दिल्ली (New Delhi) . भारत ने टीबी को खात्में के लिए 2025 का लक्ष्य रखा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि इस वर्ष के बजट में हेल्थ सेक्टर को जितना बजट आवंटित किया गया है, वो अभूतपूर्व है. ये हर देशवासी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. बीता वर्ष एक तरह से देश, दुनिया और मानवजाति के लिए अग्नि परीक्षा की तरह रहा था. मुझे खुशी है कि देश का स्वास्थ्य क्षेत्र इस अग्नि परीक्षा में सफल हुआ है.
उन्होंने कहा कि कुछ महीनों के भीतर ही देश ने करीब ढाई हजार लैब्स का नेटवर्क खड़ा किया. जिसकी बदौलत आज हम 21 करोड़ टेस्ट तक पहुंच पाए हैं. यह सब सरकार और प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम करने से संभव हुआ है. कोरोना ने हमको सबक दिया है कि हमें सिर्फ आज ही महामारी (Epidemic) से नहीं लड़ना है बल्कि भविष्य में आने वाली किसी भी स्थिति के लिए मजबूत करना है. पीएम मोदी ने कहा कि चिकित्सा उपकरण से लेकर दवाईयों तक, वेंटिलेटर से लेकर वैक्सीन तक, वैज्ञानिक अनुसंधान से लेकर बुनियादी ढांचे की निगरानी तक, डॉक्टर्स से लेकर महामारी (Epidemic) तक, हमें सभी पर ध्यान देना है ताकि देश भविष्य में किसी भी स्वास्थ्य आपदा के लिए बेहतर तरीके से तैयार रहे.
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान भारत के हेल्थ सेक्टर ने जो मजबूती दिखाई है, अपने जिस अनुभव औऱ अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, उसे दुनिया ने बहुत बारीकी से नोट किया है. आज पूरे विश्व में भारत के हेल्थ सेक्टर की प्रतिष्ठा और भारत के हेल्थ सेक्टर पर भरोसा, नए स्तर पर है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार स्वास्थ्य के मुद्दों को टुकड़ों के बजाय समग्र तरीके से देखती है. इसलिए हमने देश में सिर्फ ट्रीटमेंट ही नहीं वेलनेस पर फोकस करना शुरु किया. हमने सावधानी से लेकर इलाज तक एक इंट्रीगेटेड अप्रोच अपनाई.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत को स्वस्थ रखने के लिए हम 4 मोर्चों पर एक साथ काम कर रहे हैं. पहला मोर्चा है, बीमारियों को रोकने का यानि बीमारी की रोकथाम और कल्याण का संवर्धन दूसरा मोर्चा, गरीब से गरीब को सस्ता और प्रभावी इलाज देने का है. आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जैसी योजनाएं यही काम कर रही हैं. तीसरा मोर्चा है, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स की मात्रा और गुणवत्ता में बढ़ोतरी करना. बीते छह साल से एम्स और इस तरह के दूसरे संस्थानों का विस्तार देश के दूर-सुदूर राज्यों में किया जा रहा है. चौथा मोर्चा है, समस्याओं से पार पाने के लिए मिशन मोड पर काम करना. मिशन इंद्रधनुष का विस्तार देश के आदिवासी और दूर-दराज के इलाकों तक किया गया है.
पीएम मोदी ने कहा कि देश से टीबी को खत्म करने के लिए हमने वर्ष 2025 तक का लक्ष्य रखा है. टीबी भी संक्रमित व्यक्ति के ड्रापलेट्स से ही फैलती है. टीबी की रोकथाम में भी मास्क पहनना, शीघ्र निदान और इलाज तीनों ही अहम हैं. कोरोना के मॉडल को सुधारों के साथ टीबी में लागू करने से हम 2025 तक टीबी मुक्त भारत का सपना पूरा कर सकेंगे.