अयोध्या, 08 दिसम्बर (उदयपुर किरण). बजरंगबली की प्रधानतम पीठ हनुमानगढ़ी में नए गद्दीनशीन के लिए दो गुटों में घमासान शुरू हो गया. सुरक्षा को लेकर जहां अर्धसैनिक बल के साथ पुलिस व पीएसी तैनात हैं. वहीं 09 दिसम्बर को प्रशासन की देखरेख में गद्दीनशीन का चयन किया जाएगा. गद्दीनशीन की दौड़ में संत प्रेमदास और अजीतदास के समर्थकों में तनाव बना हुआ है.
कैंसर पीड़ित गद्दीनशीन महंत रमेशदास के बीती 25 नवम्बर को निधन के बाद सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास के प्रस्ताव पर हनुमानगढ़ी के पंचों द्वारा नए गद्दीनशीन का चयन होना था. मगर, चारों पट्टी दो गुट में बंट गईं और दूसरे गुट ने सागरिया पट्टी से ही एक दूसरे संत का नाम गद्दीनशीन के लिए प्रस्तावित कर दिया. हनुमानगढ़ी की व्यवस्था चार पट्टी हरिद्वारी, सागरिया, उज्जैनिया और बसंतिया में बंटी है. बारी-बारी से हर पट्टी से गद्दीनशीन महंत के चयन की परम्परा है. गद्दीनशीन महंत रमेश दास के निधन के बाद इस बार सागरिया पट्टी से गद्दीनशीन बनाए जाने की परम्परा पूरी की जानी है.
इसी परम्परा के अनुपालन में शुक्रवार को हुई बैठक में सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास ने गद्दीनशीन के लिए अजीतदास का नाम प्रस्तावित किया. इसको लेकर हनुमानगढ़ी के कुछ संतों में मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो गई. वहीं निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास व अन्य संत-महंतों की ओर से सागरिया पट्टी के ही संत प्रेमदास का प्रस्ताव गद्दीनशीन के लिए कर दिया गया, जिसके बाद विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई. ऐसे में प्रशासन ने दोनों गुटों से बातचीत कर सामंजस्य बनाने का प्रयास किया लेकिन आम सहमति न बनने पर 9 दिसम्बर को बैठक होगी, जिसमें गद्दीनशीन का चयन किया जाएगा.
सीओ अयोध्या राजकुमार साव ने बताया कि चयन प्रक्रिया पर नजर रखी जा रही है. हनुमानगढ़ी की परम्परा के अनुसार गद्दीनशीन का चयन होना है. इसे लेकर प्रशासन सतर्क है.वहीं हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत में शनिवार को सागरिया पट्टी के महंत ज्ञानदास ने कहा कि दूसरा नाम प्रस्तावित करना नियम विरुद्ध है. उन्होंने बताया कि अखाड़े की परम्परा अनुसार महंत गद्दीनशीन हर पट्टी का बारी-बारी से चुना जाता है. इस बार उनकी पट्टी से गद्दीनशीन का चयन होना है. इसलिए उन्होंने पट्टी के संतों की सहमति से नाम प्रस्तावित किया है, लेकिन दूसरा नाम प्रस्तावित कर दिया गया, जो कि नियम विरुद्ध है.
उधर निर्वाणी अनी अखाड़ा के महंत धर्मदास ने बताया कि जो नाम प्रस्तावित किया है, उससे हम सहमत नहीं है, इसलिए दूसरे नाम का प्रस्ताव पेश किया गया है. नियमानुसार गद्दीनशीन के चुनाव में जिस पट्टी की बारी होती है, वह चुनाव में भाग नहीं लेता. बाकी तीन पट्टी के पंचानों की सहमति से चयन होता है. इस बीच हनुमानगढ़ी में विवाद की स्थिति को देखते हुए हनुमानगढ़ी को सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है. दोपहर में संतों महन्तों को विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया.