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लोकसभा में अधीर रंजन चौधरी ने उठाया उपाध्यक्ष नहीं होने का मुद्दा

Lok Sabha में अधीर रंजन चौधरी ने उठाया उपाध्यक्ष नहीं होने का मुद्दा

New Delhi, 19 सितंबर . Lok Sabha में Tuesday को नई संसद की कार्यवाही के पहले दिन कांग्रेस पार्टी के सदन के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उपाध्यक्ष का पद खाली होने का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि Lok Sabha के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ है.

प्रधानमंत्री के भाषण के बाद Lok Sabha में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि नई संसद किसी की व्यक्तिगत पूंजी नहीं है. इस दौरान उन्होंने हिन्दुत्व की राजनीति पर सवाल उठाए. इंडिया बनाम भारत की बहस और हिन्दीत्व यानी हिन्दी को अधिक तरजीह देने के मुद्दे उठाए.

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चौधरी ने कहा कि 1989 में पहली बार स्थानीय निकायों में महिलाओं को समान भागीदारी का विधेयक कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार लाई थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कई बार महिला आरक्षण विधेयक को लाने का प्रयास किया. विधेयक कभी एक सदन तो कभी दूसरे सदन में पारित हुआ लेकिन हैसियत के अभाव में विधेयक पारित नहीं करा पाए.

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इस पर केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक Lok Sabha से कभी पारित नहीं हुआ है. 2014 में Lok Sabha के भंग होकर नई Lok Sabha बनने के बाद विधेयक अपने आप ही निरस्त हो चुका है.

इस दौरान दोनों ओर से हंगामा भी हुआ. बाद में हंगामा शांत होने पर अधीर रंजन चौधरी ने संगौल का जिक्र करते हुए सरकार पर नया इतिहास गढ़ने का आरोप लगाया.

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