नई दिल्ली (New Delhi) . ग्लोबल ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन वर्षों से अपने भारतीय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कुछ विक्रेताओं को ज्यादा सुविधा देती रही है. यह बात रायटर्स ने ऑलाइन मार्केट प्लेस कंपनी के आंतरिक दस्तावेजों के हवाले से एक रिपोर्ट में कही.
रिपोर्ट के मुताबिक अमेजन ने कुछ विक्रेताओं के साथ अपने ज्याद गहरे रिश्तों को छुपाए रखा और उसके सहारे ई-कॉमर्स में विदेशी निवेश के सख्त नियमों की अवहेलना की. 2012 से लेकर 2019 तक के ये डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि जब भी भारत सरकार ने देश के छोटे व्यापारियों की सुरक्षा के लिए नियमों को सख्त किया, अमेजन ने अपने कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में थोड़ा बदलाव कर कागज पर दिखा दिया कि वह नियमों का पालन कर रही है.
भारत अमेजन के लिए एक बड़ा बाजार है और यह रिपोर्ट अमेजन के लिए बड़ी मुसीबत पैदा कर सकती है. देश के व्यापारी जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के वोट बैंक (Bank) हैं, वे पहले से ही अमेजन पर आरोप लगाते रहे हैं कि वह कुछ बड़े विक्रेताओं की तरफदारी करती है और आक्रामक प्राइसिंग करने में उन्हें मदद करती है, जिससे देश के साधारण व्यापारियों को नुकसान होता है.