जबलपुर, 14 जनवरी . आदिम-जाति कल्याण विभाग ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) मदद योजना के नियमों की कुछ कण्डिकाओं में संशोधन किये हैं. इस संबंध में विभाग ने आदेश भी जारी किये हैं. संशोधन के अनुसार ग्राम पंचायत द्वारा क्रय की गई सामग्री को अब ग्राम पंचायत सचिव प्राप्त कर स्टॉक पंजी में संधारित किया जायेगा. ग्राम पंचायत द्वारा ग्राम में अनुसूचित-जनजाति के परिवार में सामाजिक संस्कारों के कार्यक्रम के लिये उक्त सामग्री संबंधित परिवार को नि:शुल्क उपयोग के लिये उपलब्ध कराई जायेगी. किये गये संशोधन के अनुसार ग्राम पंचायत सचिव द्वारा सामग्री प्रदाय किये जाने की जानकारी संधारित करने के लिये एक पंजी तैयार की जायेगी.
उक्त पंजी में समय-समय पर जिस परिवार को उपयोग के लिये सामग्री दी जायेगी, उसका विवरण पंजी में लिखा जायेगा. प्रदेश के विभिन्न जन-जातीय समुदाय में जन्म, मृत्यु आदि संस्कारों पर उत्सव करने की परम्परा रही है. इन अवसरों पर सामाजिक भोज का आयोजन परम्परागत रूप से किया जाता रहा है. ऐसे अवसरों पर निर्धनता के कारण कई जन-जातीय परिवार भोज आदि की व्यवस्था में कठिनाई का सामना करते हैं.
कई मौकों पर उन्हें ऋणग्रस्तता का सामना करना पड़ता है. जन-जातीय परिवारों को इस समस्या से मुक्त करने के लिये राज्य सरकार (State government) ने प्रदेश के 89 जन-जातीय विकासखण्डों में मदद योजना संचालित की है. योजना के अंतर्गत बच्चे का जन्म होने पर उत्सव के लिये 50 किलो अनाज (गेहूँ अथवा चावल) और मृत्यु होने पर भोज के लिये एक क्विंटल अनाज संबंधित परिवार को निर्धारित दर पर उचित मूल्य की दुकान से उपलब्ध कराया जा रहा है. योजना में सामूहिक भोज के अवसर पर खाना पकाने के लिये बर्तन आदि व्यवस्था के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत के माध्यम से संबंधित ग्राम को 25 हजार रुपये के बर्तन उपलब्ध करवाये गये हैं.