Uttar Pradesh

कृत्रिम बुद्धिमत्ता समय की आवश्यकता : प्रो.एन वी चलपति राव

फोटो प्रतीक

Varanasi ,19 सितम्बर . महिला महाविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में मानविकी में एआई को डीकोड करना: भारतीय, जर्मन और विश्व साहित्य और संस्कृति में संभावनाएं और चुनौतियां विषयक दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आगाज Tuesday को हुआ. गोष्ठी का उद्घाटन भूविज्ञान विभाग के प्रो.एन वी चलपति राव और बीएचयू इंटरनेशनल सेल के समन्वयक ने किया.

इस अवसर पर प्रो. राव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मुद्दे की तात्कालिकता पर चर्चा की, जो समय की आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि कैसे भारत राजनीति, संस्कृति और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटीज़ के इस तरह के सेमिनार केवल देश की स्थिति को मजबूत करेंगे. बतौर मुख्य वक्ता, कोलोन विश्वविद्यालय जर्मनी के जर्मन अध्ययन विभाग के प्रमुख, डॉ. रोजर फोर्नॉफ ने बताया कि कैसे दुनिया इस विकसित हो रही तकनीक से निपटने के एक परेशान करने वाले मुद्दे का सामना कर रही है. उन्होंने विषय पर चर्चा के लिए जगह बनाने की आवश्यकता पर बल दिया.

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कोलोन विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय की प्रमुख अमीषा जैन ने कहा, यह सेमिनार जर्मन और भारतीय विद्वानों को ऐसे महत्व के विषय पर चर्चा करने के लिए एक साथ लाता है और भविष्य में विद्वानों के लिए अपना काम विकसित करने का मार्ग प्रशस्त करेगा.

अतिथियों का स्वागत कर महिला महाविद्यालय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की प्राचार्य प्रो. रीता सिंह ने बताया कि कैसे प्रौद्योगिकी लगातार विकसित हो रही है, खुद को हमारे जीवन में उन तरीकों से शामिल कर रही है, जिनसे हम अक्सर अनजान होते हैं. चाहे वह नेटफ्लिक्स ब्राउज़ करने का सरल कार्य हो या चमत्कारी चिकित्सा प्रक्रियाएं करना, कृत्रिम बुद्धिमत्ता अभूतपूर्व तरीकों से हमारी सहायता कर रही है. मानविकी को इस तकनीक के पीछे कदम बढ़ाने और कोडित संदेशों को समझने की आवश्यकता है, क्योंकि अगर इसे अनियंत्रित छोड़ दिया गया, तो इसमें ऐसे तरीकों से गंभीर नुकसान पहुंचाने की क्षमता है जो समझ से परे हैं.

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गोष्ठी में जर्मन विभाग के प्रमुख प्रोफेसर अभय मिश्रा और अंग्रेजी विभाग की प्रमुख प्रोफेसर अनीता सिंह ने भी विषय पर अपना विचार प्रकट किया. एमएमवी के अंग्रेजी विभाग के अमर सिंह ने सेमिनार अवधारणा को बताया. धन्यवाद ज्ञापन बी.एच.यू. में जर्मन अध्ययन की सहायक प्रोफेसर शिप्रा थोलिया ने दिया. अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन कोलोन विश्वविद्यालय, जर्मनी और डीडब्ल्यूआईएच, New Delhi के सहयोग से किया जा रहा है.

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/श्रीधर/दिलीप

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