


New Delhi, 19 सितंबर . कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पिछड़ी जाति की महिलाओं को राजनीतिक क्षेत्र में उचित नेतृत्व नहीं मिल पा रहा है. खड़गे ने कहा कि यह जग जाहिर है कि पार्टियां पिछड़ी जाति की किस तरह की महिलाओं को चुनती हैं.
खड़गे ने Tuesday को राज्यसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि सभी पार्टियां उन महिलाओं को चुनती हैं, जो प्रभावी नहीं हैं. यह बात सभी जानते हैं. ऐसा सभी पार्टियां कर रही हैं.
खड़गे के इस बयान पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आपत्ति जताते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष का यह कहना गलत है. हम सभी महिलाएं जो सदन में हैं, सभी इंपावर्ड हैं. देश की राष्ट्रपति आदिवासी समाज से आती हैं. ऐसे में यह कहना कि पिछड़ी जाति की महिलाओं को मौका नहीं मिल रहा या वो इंपावर्ड नहीं हैं, यह गलत है. इसके बाद खड़गे ने सदन के माध्यम से पुन: दोहराया कि जिस तरह के मौके अन्य जातियों की महिलाओं को मिल रहा है वैसा मौका दलित महिलाओं को नहीं मिल रहा है.
संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है मोदी सरकारः
खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार लगातार संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है. यह सरकार राज्यों काे उसका हक नहीं दे रही है. केन्द्र की ओर से जो राशि राज्यों को मिलनी चाहिए, वह समय पर नहीं दी जाती है. खड़गे के इस बयान पर भी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आसन के माध्यम से आपत्ति जताई. वित्तमंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष खड़गे का यह बयान उचित नहीं है. देश के सभी राज्यों को समय पर उनके हिस्से की राशि दी जाती है. नेता प्रतिपक्ष इस मुद्दे पर सदन को गुमराह कर रहे हैं.
कांग्रेस लाई थी महिला आरक्षण विधेयकः
खड़गे ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक सबसे पहले कांग्रेस लेकर आई थी लेकिन मोदी सरकार खुद इसका क्रेडिट ले रही है. यह ठीक नहीं है. देश के विकास में सभी की हिस्सेदारी है लेकिन इस बात को सत्ता पक्ष स्वीकार नहीं करता है. खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लगातार बोलते रहते हैं लेकिन वह मणिपुर हिंसा पर मौन रहे हैं. इस मुद्दे पर भी उन्हें बोलना चाहिए.
/आशुतोष
