पेइचिंग . चीन अमेरिका के बीच जारी तनातनी के बीच अमेरिका फिरसे ताइवान में अपना खास दूत भेज रहा है. जिसके बाद से चीन की सरकारी मीडिया (Media) ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. चीनी मीडिया (Media) में पोम्पियो के ऊपर चीन और अमेरिका के संबंधों के ऊपर प्रतिकूल प्रभाव डालने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री दोनों देशों के बीच तनाव भड़काने की कोशिश कर रहे हैं.
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट में लिखा गया है कि अमेरिकी सरकार के शीर्ष अधिकारियों और उनके ताइवानी समकक्षों के बीच संपर्कों के बाबत लंबे समय से लागू प्रतिबंधों को हटाया जाना यह दर्शाता है कि पोम्पियो केवल गैर-कानूनी टकरावों को भड़काने में रुचि रखते हैं और वैश्विक शांति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है. उधर, ताइवान ने शुक्रवार (Friday) को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम सप्ताह में होने वाली एक अमेरिकी राजदूत की यात्रा का स्वागत किया है. ताइवान के राष्ट्रपति कार्यालय ने शुक्रवार (Friday) को कहा कि वे इस यात्रा का ‘दिल खोलकर स्वागत’ करते हैं और इस यात्रा को लेकर अंतिम दौर की चर्चा अब भी जारी है. राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि यह यात्रा ताइवान और अमेरिका के बीच पुख्ता दोस्ती का प्रतीक है और अमेरिका-ताइवान साझेदारी को और मजबूत करने में यह यात्रा सकारात्मक तरीके से मददगार साबित होगी.
अमेरिका के अगले राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचित जो बाइडेन के कार्यभार संभालने से पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत केली क्राफ्ट 13 से 15 जनवरी के बीच ताइवान की राजधानी ताइपे की यात्रा करेंगी. संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी मिशन ने कहा कि यह यात्रा अमेरिकी सरकार के अंतरराष्ट्रीय मंचों पर ताइवान के मजबूत समर्थन को और बल देगी. इससे पहले सितंबर में अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा के सचिव एलेक्स अजार और उसके बाद विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी कीथ क्रैच ने ताइवान का दौरा कर चुके हैं. कीथ क्रैच के दौरे से चीन इतना गुस्सा हो गया था कि उसने ताइवान की वायुसीमा में अपने 18 लड़ाकू विमानों को भेज दिया था.