

-ब्रह्म समाज, विहिप, जूनागढ़ के संत-महंत विरोध में उतरे
-हनुमानजी को स्वामीनारायण संतों का अभिवादन करते भित्ति चित्र से विवाद
Ahmedabad, 31 अगस्त . बोटाद जिले के सारंगपुर में 52 फीट ऊंची हनुमानजी की मूर्ति के नीचे प्लेटफार्म के भित्ति चित्रों से पैदा हुए विवाद के विरोध में कई संगठन-समाज शामिल हो गए हैं. भित्ति चित्रों से हनुमानजी का अपमान होने की बात कहते हुए इसे हटाने की मांग की गई है. जूनागढ़ के अखाड़ों के साधु-संतों के विरोध के बाद विहिप, कथाकार मोरारी बापू, ब्रह्म समाज समेत Rajkot के वकील भी शामिल हो गए हैं. एक वकील ने नोटिस भेजकर इन सभी विवादित भित्ति चित्रों को हटाने की मांग की है.
Rajkot के वकील रवि राठौड़ ने स्वामीनारायण मंदिर ट्रस्ट को नोटिस भेजकर विवादित भित्ति चित्रों को हटाने की मांग की है. उन्होंने सारंगपुर मंदिर, स्वामीनारायण मंदिर कुंडलधाम, बीएपीएस मंदिर कालावड रोड, स्वामीनारायण मंदिर वडताल, पोइचा समेत मंदिरों को नोटिस भेजा है.
दरअसल, सारंगपुर के कष्टभंजन हनुमान मंदिर परिसर में 52 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा के नीचे प्लेटफार्म पर कई भित्ति चित्र बनाए गए हैं. इन भित्ति चित्रों में हनुमानजी को स्वामीनारायण संतों के आगे हाथ जोड़े खड़ा दिखाया गया है. इन भित्ति चित्रों को जूनागढ़ के साधु-संतों के अलावा कथाकार मोरारी बापू समेत ब्रह्म समाज और बुद्धिजीवी वर्ग ने आपत्ति जताई है. कुंडल स्वामीनारायण मंदिर परिसर में भी हनुमानजी की मूर्ति रखी गई है. मूर्ति में हनुमानजी स्वामीनारायण सम्प्रदाय के साधु नीलकंठ वर्णी को फलाहार अर्पित करते दिखाई देते हैं.
कुछ दिन पूर्व श्रीराम कथाकार मोरारी बापू ने अपनी कथा में सारंगपुर के हनुमानजी के भित्ति चित्रों के जरिए अपमान को कपट बताया. मोरारी बापू ने आक्रोश के साथ कहा कि हनुमानजी का अपमान सहन नहीं किया जाएगा.
विहिप ने भी बताया गलत
विश्व हिंदू परिषद के Gujarat के प्रवक्ता हितेन्द्र सिंह राजपूत ने कहा कि भगवान श्रीराम, रामायण और इसके पात्र त्रेतायुग के हैं. भगवान स्वामीनारायण कलयुग के हैं. दोनों घटनाओं को समाहित करते हुए काल्पनिक घटनाओं और चित्रों को उकेर कर सनातन धर्म में वर्ग विग्रह करने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.
जूनागढ़ के कई संतों ने जताया है आक्रोश
सारंगपुर के हनुमानजी के भित्ति चित्रों के जरिए अपमान की कोशिश पर संता समाज में भी भारी रोष है. इन भित्ति चित्रों को लेकर संत समाज ने इसे सनातन धर्म और परंपरा का अपमान करार दिया है. भावनगर के सिहोर के सनातन धर्म सेवा समिति ने सिहोर Police थाने में इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई है. जूनागढ़ के इंद्रा भारती बापू, भारती आश्रम के 1008 महामंडलेश्वर हरिहरानंद महाराज और मुचकुंद गुफा के 1008 महामंडलेश्वर महेन्द्रानंद गिरी महाराज, इन्द्रभारती बापू आदि ने कृत्य की निंदा कर विरोध जताया है.
/ बिनोद
