
बोटाद/Ahmedabad, 30 अगस्त . बोटाद जिले के सारंगपुर स्थित किंग ऑफ सारंगपुर प्रतिमा के नीचे लगी तस्वीरों को लेकर विवाद पैदा हो गया है. इन प्लेटनुमा तस्वीरों में हनुमान जी को स्वामीनारायण संप्रदाय के संतों को नमन करते दिखाया गया है. इस मामले में भावनगर जिले के सनातन धर्म सेवा समिति सिहोर ने थाने में शिकायत की है. शिकायत में मंदिर के स्वामी के नामों का उल्लेख किया गया है. हालांकि विवाद के बाद इन सभी प्लेटों के आगे पर्दा लगा दिया गया है. यह विशालकाय मूर्ति जिस प्लेटफार्म पर खड़ी है, उस प्लेटफार्म पर ही हनुमानजी को स्वामीनारायण संतों के आगे हाथ जोड़कर खड़ा दिखाया गया है. इस फोटो को पिछले कुछ समय से सोशल Media पर खूब वायरल किया गया है. यहां तक कि कई लोगों ने इसका वीडियो बनाकर भी वायरल किया. इसके बाद सनातन धर्म सेवा समिति ने इस संबंध में Police थाने में आवेदन कर 33 दस्तावेजी साक्ष्य दिया है.
मोरारी बापू ने कृत्य को कपट बताया
रामकथाकार मोरारी बापू ने समग्र मामले पर इसे हनुमान जी का अपमान बताया है, साथ ही इसे सहन नहीं किए जाने की बात कही है. उन्होंने आमजन को मामले में जागरूक होने की अपील की. बापू ने कहा कि यह कपट है, यह अपमान सहन नहीं किया जाएगा.
इसी मामले पर महंत हर्षद भारती बापू ने स्वामीनारायण संतों को खूब आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि हनुमानजी को चौकीदार के रूप में संतों के आगे खड़ा किया गया है. स्वामीनारायण संतों के पास इसका क्या प्रमाण है. वे शास्त्रों में इसका प्रमाण बताएं. उन्होंने संत समाज को इस घटना की निंदा कर मैदान में उतरने की अपील की है.
कबराउधाम के मणिधरबापू ने भी स्वामीनारायण संतों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि हनुमान जी का अपमान करने का किसी को अधिकार नहीं है. हनुमान दादा का अपमान करने वालों को उनके चरण में बैठने का अधिकार नहीं है. उन्हें इसे राक्षसीवृति करार दिया.
154 फीट ऊंची हनुमान की मूर्ति की है कई खासियत
Ahmedabad से करीब डेढ़ सौ किलोमीटर दूर बोटाद जिले के सारंगपुर का कष्टभंजन हनुमान मंदिर को देश के जाग्रत हनुमान मंदिरों की सूची में रखा गया है. इस मंदिर का संचालन स्वामीनारायण सम्प्रदाय के वडलात पीठ की ओर से किया जाता है. 06 अप्रेल, 2023 को इस विशालकाय हनुमानजी किंग ऑफ सारंगपुर की मूर्ति का अनावरण केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था. इसके बाद से अब तक लाखों लोग इस मूर्ति के दर्शन कर चुके हैं. हनुमान की इस मूर्ति को 30 हजार किलो पंचधातु से निर्माण किया गया है. मूर्ति के निर्माण में थ्रीडी तकनीक की भी मदद ली गई है. हनुमान की यह मूर्ति भूकंप जैसी आपदा से भी खराब नहीं होगी. पांच हजार सालों तक मूर्ति ऐसी ही रहेगी. इस मूर्ति को बनाने में 11 करोड़ रुपये धनराशि खर्च हुई है. 300 कारीगरों की मेहनत से इसे तैयार किया गया है. मूर्ति सात किलोमीटर दूर से दिखाई देगी. 13 फीट के बेस पर दक्षिण मुखी हनुमान मूर्ति की स्थापना की गई है. परिक्रमा स्थल पर 1500 दर्शकों की क्षमता का एम्फी थियेटर भी बनाया गया है. हनुमान जी की गदा 27 फीट लंबी और 8.5 फीट चौड़ी है. मुकुट 7 फीट लंबा और 7.5 फीट चौड़ा है. हाथ 6.5 फीट लंबा और 4 फीट चौड़ा है. आभूषण 24 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा है.
/बिनोद/आकाश
