Gujarat

डेढ़ दिनों की लगातार बारिश के कारण सरदार सरोवर बांध में क्षमता से अधिक पानी जमा हुआ : ऋषिकेश पटेल

प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल

प्रवक्ता मंत्री पटेल का खुलासा, 22 लाख क्यूसेक पानी आने पर 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया

विरोधियों पर बरसे मंत्री, बोले- मानवसर्जित आपदा बोलकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश

Ahmedabad, 18 सितंबर . State government के प्रवक्ता मंत्री ऋषिकेश पटेल ने Gujarat में नर्मदा नदी के कारण कुछ जिलों में आए बाढ़ के हालात को मानव सर्जित आपत्ति कहने पर विरोधियों पर जमकर हमला बोला. मंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ दिनों के अंदर ही पूरे Gujarat समेत बांधों के कैचमेंट क्षेत्र में मूसलाधार बारिश के कारण सरदार सरोवर नर्मदा बांध में 22 लाख क्यूसेक पानी आ गया, इसकी वजह से प्रशासन को 18 लाख क्यूसेक पानी नर्मदा नदी में छोड़ना पड़ा.

प्रवक्ता मंत्री ने कहा कि राज्य में जुलाई के दौरान अच्छी बारिश हुई. बाद में अगस्त में नगण्य बारिश हुई. इसके बाद सितम्बर में फिर मूसलाधार बारिश शुरू हो गई है. मध्य और उत्तर Gujarat समेत जिन क्षेत्रों में बारिश की कमी थी, पिछले 3 दिनों में वहां भी अच्छी बारिश हुई है. राज्य के अधिकांश जिलों में 100 से 130 फीसदी बारिश हुई है. मंत्री ऋषिकेश पटेल से पैदा हुई आपत्ति को मानवसर्जित बताकर आम जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से प्राकृतिक आपदा है. उन्होंने कहा कि कैचमेंट क्षेत्र, जलसंग्रहण क्षेत्र और अन्य राज्य से नदियों में छोड़े गए पानी के साथ ही राज्य में पिछले डेढ दिन से मूसलाधार बारिश हो रही है. इसके कारण मौजूदा हालात पैदा हुए हैं. बंगाल की खाड़ी में हवा का दबाव बढ़ने के कारण 15 से 17 सितम्बर के दौरान मध्य प्रदेश और Maharashtra के नर्मदा बेसिन वाले सभी जिलों में भारी बारिश हुई है. यह स्टोर्म नर्मदा बेसिन के समानांतर आगे बढ़ा. उन्होंने बताया कि बांध के ऊपरी क्षेत्रों से आने वाला पानी और लगातार हो रही बारिश के मिल जाने से बांधों से एक साथ अधिक पानी छोड़ना पड़ा.

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मध्य प्रदेश में बांध लगभग 85 प्रतिशत भर चुके थे, इसलिए पानी स्थिर अवस्था में छोड़ा गया. जब ऊपरी बांध से पानी छोड़ा गया तो 16 सितंबर की सुबह से ही पानी बढ़ना शुरू हो गया. 16 सितंबर की सुबह सात बजे इंदिरा सागर से 6.67 लाख क्यूसेक पानी नर्मदा में छोड़ा गया. उस समय सरदार सरोवर की सतह 135.37 मीटर थी. तब 3.31 मीटर या 1034 एमसीएम अतिरिक्त पानी था.

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15 सितंबर को एनसीए द्वारा निर्धारित न्यूनतम नियम स्तर 138.12 मीटर था. 16 तारीख को सुबह 3 बजे ओंकारेश्वर बांध से 38 हजार क्यूसेक से बढ़ाकर 4.53 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो 8 से 12 घंटे में सरदार सरोवर पहुंच गया.

ओंकारेश्वर और सरदार सरोवर के बीच के इलाके में भी भारी बारिश हो रही हैं तो 16 सितंबर की सुबह 10 बजे 5.31 लाख क्यूसेक पानी का प्रवाह शुरू हो गया, जो रात 11 बजे बढ़कर 22 लाख क्यूसेक हो गया.

इसके बाद निचले क्षेत्रों में प्रशासन की ओर से तत्काल चेतावनी जारी की गई और 16 सितंबर को 10 बजे 45,000 से बढ़कर 5 लाख, 8 लाख और 12 बजे 16 लाख क्यूसेक हो गई. 16 सितंबर को अधिकतम निकास 22 लाख था. सरदार सरोवर बांध के आसपास के क्षेत्रों पर न्यूनतम प्रभाव डालने के उद्देश्य से 17 सितंबर को 18 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था.

16 सितंबर को लाइव स्टॉक 109 प्रतिशत से अधिक था. मात्र 1 से डेढ़ दिन में ही इतना पानी आ गया कि बांध 110 प्रतिशत तक भर गया. कडाणा बांध 16 सितंबर को 1249 एमसीएम की अपनी क्षमता का 37 प्रतिशत भरा था. 17 सितंबर को 2641 एमसीएम प्रवाह हुआ यानि बांध की क्षमता से दोguna पानी आ गया. इसके अलावा उकाई बांध 7414 एमसीएम और 240 फीट के स्तर पर 83 प्रतिशत भरा हुआ था. वर्तमान में, पानी का इनफ्लो 2,27,000 क्यूसेक है और पानी का आउटफ्लो 2,90,000 क्यूसेक है. भारी बारिश से प्रभावित जिलों से अब तक 12 हजार 444 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इसके अलावा नर्मदा, भरुच, वडोदरा, दाहोद, पंचमहाल और आणंद से 617 लोगों का बचाव किया गया. राज्य के 227 गांवों में बिजली गई थी, जिसे युद्धस्तर पर पूर्ववत करने का काम जारी है. बारिश प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की 10 और एसडीआरएफ की 10 टीमें तैनात की गईं हैं. इसके अलावा पांच एनडीआरएफ और 13 एसडीआरएफ की टीम स्टैंड बाई रखी गई है.

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/ बिनोद/प्रभात

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