
-सेंट्रल को-आपरेटिव Bank की छारा शाखा में दो करोड़ से अधिक राशि का हुआ था गबन
-साल 2012 में Police ने किया था Bank के लिए ही दो कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज
-अदालत ने सुबूतों के अभाव में सह आरोपी को किया बरी
झज्जर, 18 सितंबर . लगभग 11 साल एक पुराने मामले में जिले की एक अदालत ने सहकारी Bank के एक तत्कालीन कर्मचारी को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल की सजा सुनाई है. जबकि इसी मामले मेें सह आरोपी ठहराए गए Bank के ही एक पूर्व कर्मचारी को अदालत ने बरी कर दिया.
मामला झज्जर जिले के दा झज्जर सेंट्रल को-आपरेटिव Bank लिमिटेड की छारा शाखा का है. इस मामले में जिले की बहादुरगढ़ सदर थाना Police ने साल 2012 में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट दर्ज की थी. दर्ज मामले में Bank के ही पूर्व कर्मचारी दलजीत को मुख्य आरोपी और एक अन्य कर्मचारी बलबीर को सह आरोपी बनाया गया था. Police स्टेशन में दर्ज First Information Report नंबर 142 के तहत आरोप था कि Bank से योजनाबद्ध तरीके से दो करोड़ रुपये से भी ज्यादा की राशि का गबन किया हुआ है. अभियोजन पक्ष की तरफ से इस मामले में बतौर सरकारी वकील सुनील खटक पेश हुए. खटक ने बताया कि पैरवी के दौरान उन्होंने अभियोजन पक्ष की ओर से न सिर्फ 88 गवाह पेश किए गए बल्कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अदालत के सामने रखे.
मामले में मुख्य आरोपी Bank के पूर्व कर्मचारी दलजीत की तरफ से पैरवी के दौरान मामले का ऐसा कोई भी दस्तोवज या प्रमाण पेश नहीं किया जा सका जिससे की उस पर लगा आरोप झूठा साबित होता हो. एडवोकेट खटक ने बताया कि बहादुरगढ़ की एसडीजेएम वर्षा शर्मा ने इस मामले की तह तक जाते हुए Monday को दिए अपने फैसले में मुख्य आरोपी दलजीत को कई धाराओं में तीन-तीन साल की सजा और एक-एक हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई. जबकि इसी मामले में सह आरोपी ठहराए गए Bank के एक कर्मचारी बलबीर को अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया. मुख्य आरोपी दलजीत को धारा 420, 467, 468 व 471 के तहत तीन साल की सजा और एक हजार रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है.
/ शील
