नई दिल्ली (New Delhi) . सरकार पीएफ कटौती के लिए सैलरी सीलिंग को बढ़ाने की योजना बना रही है इसके लिए अगले महीने यानी 4 मार्च को सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक श्रीनगर (Srinagar) में होने जा रही है. जिसमें कुछ बड़े फैसले होने के उम्मीद हैं. सरकार यूनिवर्सल मिनिमम वेज़ के हिसाब से पीएफ कटौती के लिए मौजूदा सैलरी सीलिंग बढ़ाने की तैयारी की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक पीएफ कटौती के लिए मौजूदा सैलरी सीलिंग में बदलाव संभव है. आवश्यक सैलरी सीलिंग 15000 रुपये से बढ़कर 25000 रुपये किया जा सकता है.
बता दें कि सरकार की ज्यादा से ज्यादा लोगों को ईपीएफओ को दायरे में लाने की योजना बना रही है. सूत्रों के मुताबिक बैठक में एफवाई 21 के ईपीएफओ रिटर्न की भी समीक्षा होगी. निवेश से मिले रिटर्न के आधार पर पीएफ पर ब्याज तय होंगी. वर्तमान में बेसिक सैलरी की सीलिंग 15 हजार रुपये है उसे बढ़ाकर 25 हजार रुपये तक किया जा सकता है. गौरतलब है कि बेसिक सैलरी सीलिंग के ऊपर जिन लोगों की सैलरी है, उनके लिए पीएफ का कॉन्ट्रिब्यूशन वैकल्पिक होता है.
ईपीएफओ के एक ट्रस्टी केई रघुनाथन ने बताया कि उन्हें सीबीटी की अगली बैठक श्रीनगर (Srinagar) में 4 मार्च को होने की सूचना सोमवार (Monday) को मिली है. बैठक का एजेंडा जल्द आने वाला है. हालांकि, उन्होंने कहा कि बैठक की सूचना से संबंधित ई-मेल में ब्याज दर पर चर्चा का कोई जिक्र नहीं है. इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर ब्याज दर घटा सकता है.
बता दें कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.5 फीसदी थी. माना जा रहा है कि कोरोना संकट के बीच पीएफ से ज्यादा निकासी और कम कंट्रीब्यूशन के कारण ब्याज घटाने का फैसला लिया जा सकता है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पूर्व असिस्टेंट कमिश्नर एके शुक्ला के मुताबिक अगर ये फैसला होता है तो इसका फायदा 6 करोड़ लोगों को मिलेगा. पहला तो उनका पहला कॉन्ट्रीब्यूशन बढ़ जाएगा यानी ज्यादा पैसा जमा होगा तो उस पर रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा.