Gujarat

गुजरात: 15 लाख से अधिक बच्चों को टेक होम राशन के माध्यम से मिलता है पौष्टिक आहार

आंगनबाड़ी
आंगनबाड़ी
आंगनबाड़ी

-राज्य की 6 लाख गर्भवती व स्तनपान कराने वाली माताओं तथा 11 लाख किशोरियों को दिया जाता है टेक होम राशन

-1 से 30 सितंबर के दौरान ‘सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत’ थीम के साथ देश मना रहा है ‘राष्ट्रीय पोषण माह’

Gandhinagar , 2 सितंबर . Gujarat के 0 से 6 वर्ष की आयुवर्ग के बच्चों, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा किशोरियों के पोषण एवं स्वास्थ्य की स्थिति को सुधारने के उद्देश्य से राज्य में एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस- इंटीग्रेटेड चाइल्ड डवलपमेंट सर्विसेज) योजना चलाई जा रही है. जिसमें लाभार्थियों को पौष्टिक आहार प्रदान करने के उद्देश्य से State government द्वारा टेक होम राशन (टीएचआर) योजना कार्यान्वित की गई है. टेक होम राशन के अंतर्गत आंगनबाड़ियों के माध्यम से लाभार्थियों को पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है.

Gujarat की आंगनबाड़ियों के 6 महीने से 6 वर्ष की आयु वर्ग के 15.87 लाख बच्चों को सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर पौष्टिक आहार प्रदान किया जाता है. इसके साथ ही, राज्य की 6 लाख गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं तथा 11 लाख किशोरियों को भी आंगनबाड़ी के माध्यम से टेक होम राशन के अंतर्गत पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जाता है. Gujarat के 53,029 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से लाभार्थियों को पौष्टिक एवं उच्च गुणवत्ता युक्त टेक होम राशन (प्री-मिक्स) का वितरण किया जाता है. इस टेक होम राशन पैकेट का उत्पादन Gujarat को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के साथ संबद्ध अमूल, सुमूल और बनास डेयरी के द्वारा किया जाता है.

  पीएम मोदी 24 सितंबर को गुजरात के तीसरे वंदे भारत ट्रेन को दिखाएंगे हरी झंडी

Gujarat सरकार द्वारा लाभार्थियों को उनकी दैनिक आवश्यकता के एक तिहाई हिस्से को पूरा करने के लिए टेक होम राशन के रूप में पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाता है. इसके तहत 6 महीने से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 500 किलो कैलोरी एवं 12-15 ग्राम प्रोटीन, गंभीर रूप से कम वजन वाले बच्चों के लिए 800 किलो कैलोरी एवं 20-25 ग्राम प्रोटीन तथा गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं और किशोरियों के लिए 600 किलो कैलोरी एवं 18-20 ग्राम प्रोटीन युक्त आहार प्रदान किया जाता है.

बच्चों एवं महिलाओं के बेहतर पोषण के लिए आयुष टीएचआर

टेक होम राशन बाजार में उपलब्ध अन्य ब्रांडेड प्री-मिक्स की तरह ही एक रेडी-टू-ईट पौष्टिक भोजन का प्री-मिक्स है, जो कैलोरी, प्रोटीन और अन्य सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इस प्री-मिक्स पैकेट में केवल गरम पानी डालकर लगभग 40 तरह के व्यंजन तुरंत तैयार किए जा सकते हैं. Prime Minister Narendra Modi ने आयुर्वेद की महत्ता को समझकर स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार लाने के लिए आयुर्वेदिक औषधियों पर हमेशा जोर दिया है. इस बात को ध्यान में रखते हुए Gujarat सरकार ने टेक होम राशन (टीएचआर) में आयुष औषधियों का समावेश करने की पहल की है. टेक होम राशन के प्री-मिक्स में बच्चों के लिए त्रिकटु और विडंग जैसे आयुर्वेदिक घटक तथा माताओं के लिए जीरा और मुस्ता जैसे आयुर्वेदिक घटक शामिल किए गए हैं. सूक्ष्म पोषक तत्वों से समृद्ध टीएचआर को और भी मूल्यवर्धित कर आयुष टीएचआर का वितरण पायलट प्रोजेक्ट के रूप में राज्य के 6 जिलों में क्रियान्वित किया गया है, जिसमें भावनगर, देवभूमि द्वारका, जामनगर, नर्मदा, डांग और दाहोद जिले शामिल हैं.

  विश्वास और सहकार के बूते 4 लाख का फंड 300 करोड़ का बैंक बना : मुख्यमंत्री

बाल शक्ति, पूर्णा शक्ति और मातृ शक्ति

टेक होम राशन फूड पैकेट्स को तीन शक्ति युक्त आहारों में विभाजित किया गया है. जिसके तहत बच्चों के लिए ‘बाल शक्ति’, किशोरियों के लिए ‘पूर्णा शक्ति’ और गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए ‘मातृ शक्ति’ फूड पैकेट्स तैयार किए जाते हैं. आंगनबाड़ी के 6 महीने से 3 वर्ष आयु के लगभग 15.87 लाख बच्चों को बाल शक्ति पैकेट प्रदान किए जाते हैं. इसके अंतर्गत सामान्य वजन वाले बच्चों को प्रति माह ‘बाल शक्ति’ के 500 ग्राम वाले 7 पैकेट यानी 3.5 किलो, 6 महीने से 3 वर्ष आयु के अति कम वजन वाले बच्चों को प्रति माह ‘बाल शक्ति’ के 500 ग्राम वाले 10 पैकेट यानी 5 किलो तथा आंगनबाड़ी के 3 वर्ष से 6 वर्ष आयु के अति कम वजन वाले बच्चों को प्रति माह ‘बाल शक्ति’ के 500 ग्राम वाले 4 पैकेट यानी 2 किलो दिए जाते हैं.

  बनासकांठा : गब्बर पर्वत से शुरू ‘पर्वत पवित्रता अभियान’

इसके साथ ही, राज्य की 6 लाख गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को ‘मातृ शक्ति’ के तथा 11 लाख किशोरियों को ‘पूर्णा शक्ति’ के प्रति माह 1 किलो वाले 4 पैकेट अर्थात 4 किलो प्रदान किए जाते हैं.

1 से 30 सितंबर तक भारत मनाएगा ‘राष्ट्रीय पोषण माह’

गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली माताओं, किशोरियों और 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पोषण अभियान चलाया जाता है. पोषण अभियान के उद्देश्यों को साकार करने के लिए 1 से 30 सितंबर, 2023 के दौरान पूरे भारत में ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ मनाया जा रहा है. इस वर्ष पोषण माह का फोकस पूरे भारत में पोषण आधारित संवेदना को उजागर करने के लिए मानव जीवन-चक्र के मुख्य चरणों यानी गर्भावस्था, शैशवावस्था, बचपन और किशोरावस्था के विषय में जागरूकता पैदा करना है.

इस वर्ष के पोषण माह की थीम ‘सुपोषित भारत, साक्षर भारत, सशक्त भारत’ है. Gujarat में भी पोषण माह सितंबर महीने के दौरान सक्रिय रूप से मनाया जाएगा. इसके अंतर्गत विशिष्ट स्तनपान और पूरक आहार, स्वस्थ बालक स्पर्धा, पोषण भी पढ़ाई भी, मिशन लाइफ (पर्यावरण के लिए जीवन शैली) के जरिए पोषण में सुधार, आदिवासी क्षेत्रों पर केंद्रित पोषण आदि थीमों पर विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा.

/ बिनोद

न्‍यूज अच्‍छी लगी हो तो कृपया शेयर जरूर करें

Most Popular

To Top

ताजा खबरों के लिए हमारा ग्रुप ज्‍वाइन करें


This will close in 0 seconds