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हाई कोर्ट ने हरियाणा में एचएसएससी की कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया को बताया सही, सभी याचिकाएं खारिज

पंजाब-Haryana  हाईकोर्ट

चंडीगढ़, 19 सितंबर . पंजाब-Haryana हाई कोर्ट ने Haryana कर्मचारी चयन आयोग की ओर से Police विभाग में कांस्टेबल भर्तियों के दौरान अपनाए गए नियमों को सही करार दिया है. कोर्ट ने आयोग के पर्सेंटाइल फार्मूले को पूरी तरह सही व किसी प्रकार की त्रुटि रहित बताया है.

Haryana में चल रही कांस्टेबल भर्तियों को लेकर राकेश सिहाग और अन्य की ओर से दायर याचिका में पुरुष और महिला दोनों कांस्टेबलों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में दिसंबर 2020 के विज्ञापन को चुनौती दी गई थी. याचिका में लिखित परीक्षा की जांच की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए कहा गया था कि उनके अनुसार मूल्यांकन की सामान्यीकरण पद्धति (प्रतिशत सूत्र) को अपनाकर बदल दी गई थी, जिसका विज्ञापन में उल्लेख नहीं किया गया था.

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Haryana कर्मचारी चयन आयोग की ओर से पेश Haryana की वरिष्ठ उप महाधिवक्ता श्रुति जैन ने दलील दी थी कि चयन मानदंड और मूल्यांकन की पद्धति में अंतर है. वर्तमान मामले में चयन प्रक्रिया के मानदंडों को कोई चुनौती नहीं है. आयोग ने स्पष्ट किया कि पुरुष और महिला कांस्टेबल के पद के लिए चयन वैधानिक सेवा नियमों- Punjab Police नियम 1934 के नियम 12.6 में निर्धारित मानदंडों के अनुसार सख्ती से पालन किया गया है, जिसका उल्लेख 31 दिसंबर, 2020 के विज्ञापन में किया गया है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस मोदगिल की एकल पीठ कर रही थी. हाई कोर्ट ने Tuesday को कहा है कि पर्सेन्टाइल में कुछ भी नहीं जोड़ा गया है. सम-पर्सेंटाइल फॉर्मूला एक ही समय में समान अंकों की पूरी तरह से गणना करता है.

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हाई कोर्ट ने आयोग के तथ्य से भी सहमति जताई है, जिसमें एचएसएससी के मानदंड में ज्ञान परीक्षण, लिखित परीक्षा को 80 प्रतिशत वेटेज दिया गया था, जबकि आर्थिक स्थिति और अतिरिक्त योग्यता के लिए प्रत्येक को 10 प्रतिशत वेटेज सामाजिक के लिए निर्धारित किया गया था. इसी आधार पर उम्मीदवारों को शारीरिक स्क्रीनिंग टेस्ट के साथ-साथ शारीरिक माप परीक्षण में उपस्थित होने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया था और उसके बाद जो भी योग्य थे उन्हें दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बुलाया गया था. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी.

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