
रांची, 19 सितंबर . झारखंड हाई कोर्ट में देवघर एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग शुरू नहीं होने तथा एयरपोर्ट के आस-पास की ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने से संबंधित Member of parliament निशिकांत दुबे की अवमानना याचिका पर Tuesday को सुनवाई हुई. मामले में कोर्ट ने याचिकाकर्ता, State government एवं प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया.
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि तत्कालीन देवघर डीसी के निर्देश पर देवघर एयरपोर्ट के आसपास के जो सात ऊंचे भवन टूटने हैं उनके नफा-नुकसान की जांच-पड़ताल के लिए नियुक्त असेसर ने अपनी रिपोर्ट दे दी है. असेसर ने सात बिल्डिंगों की मापी कर उन मकानों के क्षतिग्रस्त होने से मकान मालिकों को मिलने वाले मुआवजा राशि निर्धारित किया है.
इनमें से पांच मकान के मालिकों ने असेसर द्वारा निर्धारित किए गए मुआवजा पर अपनी सहमति दे दी है लेकिन दो मकान के मालिकों ने मुआवजा राशि पर आपत्ति जताते हुए उसमें बढ़ोतरी करने का आग्रह किया है. चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की. Central Governmentकी ओर से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव ने पैरवी की. State government की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पैरवी की.
पूर्व की सुनवाई में Central Governmentने कोर्ट को बताया था कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास की सात ऊंची बिल्डिंग को तोड़ा जाना है. इन भवनों के मालिकों को कितना नफा-नुकसान होगा, इसका भी आकलन जरूरी है ताकि उन्हें सही मुआवजा मिल सके. इस पर कोर्ट ने देवघर डीसी को असेसर नियुक्त करने का निर्देश दिया था. इस मामले में देवघर जिला प्रशासन ने मकान मालिकों को नोटिस जारी किया था.
/ वंदना/चंद्र प्रकाश
