हांगकांग . हांगकांग में लोकतंत्र की मांग को लेकर चल रहे आंदोलनों के बीच एक मीडिया (Media) मालिक जिमी लाई को समुद्र में पकड़े गए 12 भगोड़ों में से एक की मदद करने के संदेह में गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के अनुसार गुरुवार (Thursday) को जमानत की सुनवाई का इंतजार करते हुए हिरासत में लिए गए लाई पर एक और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत विदेशी ताकतों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया गया है.
बता दें कि चीन हांगकांग में उठ रही लोकतंत्र की मांग को लगातार दबाने में लगा हुआ है. हांगकांग के जाने-माने कारोबारी और मीडिया (Media) टाइकून जिमी लाई बीते साल अगस्त से जेल में बंद हैं. चीन ने अपने नए विवादित कानून नेशनल सिक्योरिटी लॉ के तहत कार्रवाई की है. उन पर आरोप हैं कि लाई विदेशी ताकतों के साथ मिलकर देश की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे थे.
अगर वह दोषी पा जाते हैं, उन्हें बहुत लंबी सजा हो सकती है. इस विवादित कानून के तहत गिरफ्तार होने वाले जिमी लाई पहली हाई प्रोफाइल शख्सियत हैं. उन्होंने एक समाचार पत्र की शुरुआत की थी, जिसमें अक्सर चीन की आलोचना होती रही है. अगस्त, 2020 में पुलिस (Police) ने अखबार के ऑफिस में छापेमारी कर उन्हें गिरफ्तार किया था. पहले उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था, लेकिन दिसंबर में फिर से उन्हें सलाखों के पीछे डाल दिया गया.
हांगकांग की उच्च अदालत ने कहा कि लाई को हिरासत से छोड़ने का निचली अदालत का फैसला सही नहीं था हालांकि उन्हें एक और जमानत याचिका दायर करने की अनुमति दी गई थी. हांगकांग में पहले किसी भी तरह के गैर हिंसक अपराधों के आरोपियों को आसानी से जमानत मिल जाती थी. मगर अब ऐसा नहीं है. हांगकांग पर थोपे गए नए कानून के तहत जमानत मिलना लगभग नामुमकिन हो गया है. पिछले साल लागू किए गए इस विवादित कानून का जमकर विरोध हुआ मगर चीन का कहना है कि इससे स्थायित्व आएगा, लेकिन आलोचकों का कहना है कि यह विरोध की आवाज को दबाने का हथियार है.