लंदन . पिछले दिनों अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों के दो समूहों ने स्त्री के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु के बिना ही मानव भ्रूण की शुरुआती संरचना यानी ब्लास्टोसिस्ट बना दी. वह भी गर्भाशय में नहीं, बल्कि अपनी लैबोरेट्री की पेट्री डिश में. पेट्री डिश कांच की एक छोटी सी प्लेट होती है, जिनमें वैज्ञानिक अपने प्रयोग करते हैं. आसान शब्दों में कहें तो वैज्ञानिकों ने स्त्री और पुरुष के बिना ही प्रयोगशाला में भ्रूण तैयार कर दिया.
पेट्री डिश में मौजूद इस ब्लास्टोसिस्ट ने ठीक वैसा ही व्यवहार किया जैसा वह गर्भाशय की दीवार पर चिपकने पर करते हैं. असली ब्लास्टोसिस्ट की तरह जब इन्हें चार-पांच दिन तक बढऩे दिया गया तो उसमें भी भ्रूण की तरह प्लेसेंटा और प्री एम्नियोटिक कैविटी बनने की शुरुआत हो गई. प्लेसेंटा वह नली होती है जिससे भ्रूण को माता के रक्त से पोषण और ऑक्सीजन छनकर मिलती है. इसे आम बोली में नाल भी कहते हैं. वहीं, एम्नियोटिक कैविटी वह झिल्ली है जिसमें भ्रूण पलता है.
वयस्क इंसान की त्वचा से तैयार किया ब्लास्टोसिस्ट
वैज्ञानिकों के पहले समूह ने वयस्क इंसान की त्वचा की कोशिकाओं को जेनेटिक प्रोग्रामिंग के जरिए मानव ब्लास्टोसिस्ट जैसा बना दिया. वहीं दूसरे समूह ने वयस्क इंसान की त्वचा की कोशिकाओं और भ्रूण से ली गईं स्टेम सेल के जरिए यह प्रयोग किया. इन स्टेम सेल को खास रासायनिक क्रियाओं के जरिए ब्लास्टोसिस्ट जैसा गोल आकार दिया गया. शोधकर्ताओं ने अपनी संरचना को आई ब्लैस्टॉइड्स और ह्यूमन ब्लास्टॉइड्स नाम दिया है.