
मेहसाणा, 31 अगस्त . Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने Thursday को मातपुर-ब्राह्मणवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना का लोकार्पण किया. 67.69 करोड़ रुपये के खर्च से निर्मित यह योजना उत्तर Gujarat के किसानों के लिए सिंचाई की महत्वपूर्ण योजना बनेगी. इस योजना के तहत कुल 11.70 किमी के वितरण पाइपलाइन नेटवर्क के द्वारा 9 गांवों के तालाबों में पानी भरने से पूरक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी और भूगर्भ जल रिचार्ज होगा. मातपुर के पम्पिंग स्टेशन के द्वारा 50 क्यूसेक पानी को 1216 मिमी व्यास वाली 14.70 किमी लंबी एमएस पाइपलाइन के जरिए 57 मीटर ऊंचाई तक उद्वहन किया जाएगा.
इस अवसर पर Chief Minister भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि State government भविष्य की जरूरतों पर विचार करते हुए विकास कार्यों की कार्ययोजना तैयार करती है. उन्होंने प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवरों के निर्माण को जल संचयन के लिए एक अहम कार्य बताया. उन्होंने सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को नियंत्रित करने का अनुरोध किया और प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश भर में चल रहे ‘मिशन लाइफ’ अभियान को महत्वपूर्ण बताया. Chief Minister ने ऊंझा में 8 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित सरदार वल्लभभाई पटेल टाउन हॉल का ई-लोकार्पण किया. इस अवसर पर विभिन्न सामाजिक संगठनों ने Chief Minister का स्वागत-सम्मान किया.
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा कि 69 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी योजना से यहां की धरा पर मां नर्मदा का अवतरण हुआ है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने उत्तर Gujarat को ‘उत्तम Gujarat’ बनाने के लिए कई विकास कार्य किए हैं. सुजलाम सुफलाम योजना सहित नदी में बैराज बनाकर जमीन के तल को ऊंचा उठाने की दिशा में सरकार काम कर रही है.
गांव के तालाबों को भरने की 3 किलोमीटर की सीमा हटी
जल संसाधन एवं जलापूर्ति मंत्री कुंवरजीभाई बावलिया ने कहा कि सरकार उत्तर Gujarat को ‘उत्तम Gujarat’ बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों के किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाने तथा प्रत्येक व्यक्ति को काम मिले, इसके लिए सरकार ‘हर खेत को पानी, हर हाथ को काम’ सूत्र को साकार करने के लिए कटिबद्ध है. मंत्री ने कहा कि 67.69 करोड़ रुपये के खर्च से निर्मित नहर आधारित ब्राह्मणवाड़ा उद्वहन सिंचाई योजना से उत्तर Gujarat के मेहसाणा जिले की ऊंझा, विसनगर और पाटण तहसील के किसानों को सिंचाई सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होगी.
उन्होंने किसानों को अटल भूजल योजना के अंतर्गत Gujarat प्रोत्साहक योजना के संबंध में जानकारी दी और उसका लाभ उठाने एवं सूक्ष्म सिंचाई से खेती को समृद्ध करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि Chief Minister भूपेंद्र पटेल ने किसानों के व्यापक हित में नर्मदा नहर से गांव के तालाबों को भरने की तीन किलोमीटर की सीमा को हटाने का निर्देश दिया है. इसके चलते अब नर्मदा नहर से तीन किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित गांव के तालाब भी भरे जा सकेंगे.
नर्मदा नदी के बाढ़ में बह जाने वाले अतिरिक्त पानी का इस्तेमाल
जल संसाधन विभाग के विशेष सचिव के.बी. राबड़ीया ने योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि Gujarat सरकार ने नर्मदा नदी के बाढ़ में बह जाने वाले अतिरिक्त पानी में से 1 मिलियन एकड़ फीट पानी को उत्तर Gujarat के मुख्य एवं बड़े जलाशयों, नदियों और नहरों में डालकर सिंचाई, जल संचयन और भूगर्भ जल रिचार्ज करने का निर्णय लिया था.
इसके अंतर्गत, Gujarat जल संसाधन विकास निगम के द्वारा नर्मदा मुख्य नहर आधारित सुजलाम सुफलाम योजना की अलग-अलग कुल 6 उद्वहन सिंचाई पाइपलाइन योजनाओं के जरिए उत्तर Gujarat के पानी से वंचित क्षेत्रों में जल संचयन और भूगर्भ जल रिचार्ज से संबंधित कार्य किए जा रहे हैं. इस योजना के तहत दूसरे चरण में इस मौजूदा पाइपलाइन को मातपुर से आगे बढ़ाकर मातपुर तालाब के पास पम्पिंग स्टेशन बनाकर ऊंझा तहसील के ब्राह्मणवाड़ा गांव तक कुल 14.70 किमी लंबाई और 1216 मिमी व्यास की माइल्ड स्टील पाइपलाइन के द्वारा धरोई एक्सटेंडेड शाखा नहर नंबर 4 और 5 में 50 क्यूसेक पानी डालकर ऊंझा, पाटण और विसनगर तहसील के धरोई कमांड क्षेत्र के 3,705 एकड़ जमीन में पूरक सिंचाई का कार्य पूर्ण किया गया है.
/ बिनोद
