-एफसीए में बढ़ोतरी आने के कारण मुद्रा भंडार में दर्ज की गई तेजी, जो रिजर्व का बड़ा हिस्सा है
-कोरोना की मार से तेजी से उबर रही अर्थव्यवस्था की रफ्तार अधिकतर अनुमानों से बेहतर
नई दिल्ली (New Delhi) . देश का विदेशी मुद्रा भंडार एक बार फिर रिकॉर्ड ऊंचाई पर जा पहुंचा है. भारतीय रिजर्व बैंक (Bank) के आंकड़ों के मुताबिक, इस महीने की पहली तारीख को खत्म सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 4.683 अरब डॉलर (Dollar) बढ़कर 585.324 अरब डॉलर (Dollar) की नई रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. पिछले वर्ष 25 दिसंबर को खत्म सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार गिरावट के साथ 580.841 अरब डॉलर (Dollar) का रह गया था. भारतीय रिजर्व बैंक (Bank) के आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) में बढ़ोतरी आने के कारण मुद्रा भंडार में तेजी दर्ज की गई, जो कुल रिजर्व का बड़ा हिस्सा है.
भारतीय रिजर्व बैंक (Bank) के शुक्रवार (Friday) को जारी आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए में बढ़ोतरी आने के कारण मुद्रा भंडार में तेजी दर्ज की गई, जो कुल रिजर्व का बड़ा हिस्सा है. आरबीआई (Reserve Bank of India) के साप्ताहिक डेटा के मुताबिक, फॉरेन करेंसी एसेट्स 4.168 अरब डॉलर (Dollar) की बढ़ोतरी के साथ 541.642 अरब डॉलर (Dollar) पर पहुंच गया. फॉरेन करेंसी एसेट्स को डॉलर (Dollar) की टर्म में देखा जाता है. इसमें फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में रखे गैर अमेरिकी यूनिट्स जैसे यूरो, पाउंड और येन में बढ़ोतरी और गिरावट का असर शामिल होता है.
केंद्रीय बैंक (Bank) के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन हफ्ते में स्वर्ण भंडार 315 मिलियन डॉलर (Dollar) की बढ़ोतरी के साथ 37.026 अरब डॉलर (Dollar) पर पहुंच गया. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास मौजूद स्पेशल ड्राइंग राइट्स में कोई बदलाव नहीं आया और यह 1.510 अरब डॉलर (Dollar) पर रहा. डेटा के मुताबिक, समीक्षाधीन हफ्ते के दौरान आईएमएफ के पास देश के भंडार की स्थिति भी पिछले हफ्ते के समान 5.145 अरब डॉलर (Dollar) पर रही. देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले वर्ष पांच जून को खत्म सप्ताह के दौरान पहली बार 500 अरब डॉलर (Dollar) और नौ अक्टूबर को खत्म सप्ताह के दौरान 550 अरब डॉलर (Dollar) के पार पहुंचा था.
कोरोना (Corona virus) के प्रहार के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था अधिकतर अनुमानों के मुकाबले तेजी से उबर रही है. आरबीआई (Reserve Bank of India) के बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक से एक आर्टिकल में कहा गया है कि तीसरी तिमाही (क्यू3) में अर्थव्यवस्था पॉजिटिव दायरे में आ सकती है. इस बुलेटिन में कहा गया है कि ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनसे इस बात के संकेत मिलते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 (Covid-19) की मार से तेजी से उबर रही है. अर्थव्यवस्था की यह रफ्तार अधिकतर अनुमानों से कहीं बेहतर है.