
New Delhi, 19 सितम्बर . कनाडा और भारत के बीच रिश्ते काफी समय से तनाव के दौर से गुजर रहे हैं और आज इसमें एक बड़ा घटनाक्रम तब हुआ जब कनाडा के प्रधानमंत्री के बयान के बाद भारत ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए कनाडा उच्चायुक्त को तलब किया और उसके एक राजनयिक को देश निकाला दे दिया.
कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपने बयान पर बाद में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनके बयान का मकसद भारत को गुस्सा दिलाना नहीं था बल्कि जवाब हासिल करना था. निज्ज़र कीMurder एक बेहद ही गंभीर मसाला है. भारत सरकार को इस मुद्दे पर बेहद गंभीरता से काम करना चाहिए. हम अपनी तरफ से ऐसा कर रहे हैं और हमारा मकसद किसी को गुस्सा दिलाना या बात बढ़ाना नहीं है.
इसी बीच Punjab के पूर्व Chief Minister कैप्टन अमरिंदर सिंह ने जस्टिन ट्रूडो के बयान को पूरी तरह से बे-बुनियाद बताते हुए इसे वोट Bank की राजनीति का तमाशा बताया है. उन्होंने याद किया कि 2018 में Amritsar यात्रा के दौरान उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर प्रधानमंत्री ट्रूडो के साथ कनाडा की धरती का भारत के खिलाफ हो रहे इस्तेमाल पर ध्यान आकर्षित कराया था. कनाडा की सरकार इस संबंध में कोई कदम उठाने में पूरी तरह से विफल रही है.
उल्लेखनीय है कि कनाडा के प्रधानमंत्री ने अपनी संसद में कहा था कि इस बात के समर्थन में काफी कुछ सामने आ रहा है कि कनाडा के नागरिक हरदीप सिंह निज्जर कीMurder में भारत का हाथ है. निज्जर की 18 जून को एक गुरुद्वारे से निकलते समयMurder कर दी गई थी.
कनाडा ने भारत के राजनयिक पवन कुमार राय को भी देश निकाला दिया. राय भारत की विदेश खुफिया एजेंसी रॉ के कनाडा प्रमुख हैं. इसी के प्रतिक्रिया में भारत ने भी आज भारत में कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया और एक वरिष्ठ राजनयिक को 5 दिन के भीतर देश छोड़ देने के लिए कहा. हालांकि भारत ने कनाडा के राजनयिक का नाम उजागर नहीं किया है. इस संबंध में जानकारों का कहना है कि यह वरिष्ठ राजनयिक कनाडा की खुफिया एजेंसी के स्थानीय प्रमुख ओलिवर सिल्वेस्टर हैं.
वहीं कनाडा के वरिष्ठ राजनयिक को निकालने के बाद एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह निर्णय भारत की इन चिंताओं को दर्शाता है कि कनाडा के राजनयिक हमारे आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और भारत विरोधी गतिविधियों में उनका हाथ है.
इससे पहले भारत ने कनाडा के प्रधानमंत्री की ओर से आए बयान का खंडन करते हुए इसे बेतुका बताया.
सोशल Media पर भारत में कनाडा को लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है. एक तरफ कनाडा की सरकार और प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की आलोचना हो रही है तो दूसरी तरफ भारत की प्रशंसा हो रही है.
हाल ही में संपन्न हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान कनाडा के प्रधानमंत्री को अपने देश में Media से काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. उनका विमान दो दिनों तक तकनीकी गड़बड़ के कारण उड़ान नहीं भर सका और उन्हें Hotel के कमरे से काम करना पड़ा. सोशल Media में लोगों का मानना है कि यह प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की व्यक्तिगत छवि को लगी ठेस के कारण उन्होंने इस तरह का बयान दिया है.
सोशल Media पर कुछ लोगों का कहना है कि यह समाचार भारत के पक्ष में है और यह मोदी सरकार की साख को और बढ़ाएगा.
भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास पर दुनियाभर की भी निगाहें छा गई हैं. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन की ओर से इस संबंध में बयान भी आए हैं. इन देशों ने इन आरोपों को गंभीर बताया है. यह तीनों देश भी खालिस्तान गतिविधियों का केंद्र बने हुए हैं.
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और कनाडा के रिश्तों में आई खटास केवल द्विपक्षीय है और इसका अन्य देशों के साथ भारत के संबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा. इसका दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक संबंधों पर भी असर पड़ना लाजमी है. विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि भारत की सुरक्षा एजेंसी रॉ इस तरह के कृत्यों में शामिल नहीं रही है.
/आकाश
