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चंद्रमा के बारे में रोचक तथ्य : चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर तापमान -230 डिग्री

चंद्रमा के बारे में रोचक तथ्य

चंद्रमा की उत्पत्ति का प्रचलित सिद्धांत यह है कि लगभग 4.5 अरब वर्ष पहले मंगल के आकार का एक पिंड पृथ्वी से टकराया था, इससे चंद्रमा बना. चांद की सतह पर उतरने वाले पहले शख्स नील आर्मस्ट्रॉन्ग थे और आखिरी इंसान जीन सर्नेन थे, जो 1972 में अपोलो-17 में गए थे.

वायुमंडल नहीं है

चंद्रमा का कोई वायुमंडल नहीं है और काफी कम गुरुत्वाकर्षण है. इसका अर्थ है कि यहां हवा या पानी मौजूद नहीं है.

धरती से कभी नहीं दिखता एक हिस्सा

चंद्रमा का एक अंधेरा हिस्सा पृथ्वी से कभी दिखाई नहीं देता, क्योंकि चंद्रमा अपनी धुरी पर उसी गति से घूमता है, जिस गति से वह पृथ्वी की परिक्रमा करता है.

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कितने घंटे का दिन

पृथ्वी के 29.53 दिनों के बराबर चंद्रमा का एक दिन होता है. घंटों में गणना की जाए तो चंद्रमा पर 708.7 घंटों का एक दिन होता है.

गन पाउडर जैसी गंध

1972 में अमरीका के अपोलो चंद्र मिशन पर गए जीन सर्नेन के मुताबिक चंद्रमा की डस्ट की गंध गनपाउडर जैसी है, जैसे अभी अभी किसी ने कार्बाइन दागी हो.

कितना पुराना

चंद्रमा, पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है, जिसका निर्माण 4.5 अरब वर्ष पहले हुआ था. चंद्रमा एक छोटा धात्विक कोर है, जो संभवत: लोहे और निकल से बना है और चट्टानी आवरण से घिरा है. इसकी सतह पर पहाड़, विशाल गड्ढे और समतल है, जो कठोर लावे से बना है.

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हमसे कितना दूर चांद

पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी लगभग 3,84400 किमी है, जो पृथ्वी के व्यास का 30 guna है. अधिकतम दूरी 405696 किमी जबकि न्यूनतम दूरी 363105 किमी है.

नासा के लूनर रिकॉन्सिस ऑर्बिटर से मिले आंकड़ों के मुताबिक चांद की भूमध्य रेखा के पास दिन का तापमान 120 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, जबकि रात का तापमान माइनस 130 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है. ध्रुवीय स्थान और भी ठंडे हैं.

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पहली बार इंसान कब गया चांद पर

20 जुलाई 1969 को अमरीकी अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रान्ग चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले इंसान थ. ये अपोलो 11 मिशन में गए थे. इनके साथ बज एल्ड्रिन और माइकल कोलिन्स भी थे. इसके बाद 1972 में अपोलो 17 आखिरी मानव मिशन था. 2020 में गया चीन का रोबोटिक मिशन चांग नमूने लेकर धरती पर लौटा था. सोवियत संघ ने 1968 में पहला मून मिशन भेजा था.

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