




जैसलमेर (Jaisalmer) , 1 अप्रैल . जैसलमेर (Jaisalmer) में राज्य पक्षी गोडावण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सम में बनाये गए कृत्रिम हेचिंग सेन्टर में शनिवार (Saturday) को एक गोडावण चूजे का जन्म हुआ. चूजा विशेषज्ञों की देखरेख में है.
जिले के सम सेंटर में वैज्ञानिक देखरेख में पल रही एक तीन वर्षीय मादा गोडावण ने छह मार्च को एक अंडा दिया था. भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून (Dehradun) के वैज्ञानिकों व तकनीशियनों द्वारा अंडे की देखरेख कर सफलतापूर्वक हैच किया गया. खास बात यह है कि यह अपने प्रकार का पहला ऐसा मामला है जिसमे कृत्रिम रूप से हैच किये गए नर और मादा गोडावण के प्रजनन से चूजे का जन्म हुआ है.
जिले के वन अधिकारी आशीष व्यास (डेजर्ट नेशनल पार्क) ने बताया कि जैसलमेर (Jaisalmer) में गोडावण की फाउंडर पॉपुलेशन बनाने के लिए अब यह स्थापित हो गया है कि ब्रीडिंग सेंटर में पल रहे कैप्टिव गोडावण सामान्य रूप से पुनरुत्पादन करने में सक्षम हैं. वर्तमान में कृत्रिम हेचिंग सेंटर में तेइस गोडावणों को वैज्ञानिकों की देखरेख में पाला जा रहा है एवं इन्हे भोजन के लिए कीट इत्यादि सेन्टर पर ही एकत्रित एवं परिष्कृत किए जा रहे है. वन विभाग गोडावण संरक्षण के लिए प्रयासरत है, तथा कृत्रिम हेचिंग सेंटर के माध्यम से गोडावणों की फाउंडर पॉपुलेशन स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है.
जैसलमेर (Jaisalmer) के सम ब्रीडिंग सेंटर में यह अपने आप मे देश का पहला मामला है जब पहली बार अंडे से निकले नर और मादा युगल गोडावण ने तीन साल बाद एक गोडावण चूजे को जन्म दिया है. फिलहाल चूजा स्वस्थ है और टीम की देखरेख में है.
भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी ट्वीट करके इसकी जानकारी दी और सबको इसके लिए बधाई भी दी. गौरतलब है कि जैसलमेर (Jaisalmer) के सम स्थित डेजर्ट नेशनल पार्क में बनाए गए हैचरी सेंटर में अंडों को वैज्ञानिक तरीके से सेज कर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं. ये कृत्रिम प्रजनन केन्द्र कई मायनों में सफल साबित हो रहा है.
/ चंद्रशेखर भाटिया