
एकीकृत बाल विकास सेवा योजना ने जारी किए आंकड़े
तीन माह में आदिवासी इलाकों में 730 बच्चों की मौत
Mumbai , 12 सितंबर . Maharashtra में पिछले तीन महीनें में कुपोषण से 2,403 बच्चों की मौत हुई है. इनमें आदिवासी इलाकों में कुपोषण से मरने वाले बच्चों की संख्या 730 है. यह जानकारी एकीकृत बाल विकास सेवा योजना ने दी है.
Tuesday को एकीकृत बाल विकास सेवा योजना ने आंकड़े जारी किए हैं. जानकारी के अनुसार पिछले तीन महीने में कुपोषण से शून्य से एक वर्ष तक के 661 बच्चों, एक से एक वर्ष तक के 172 बच्चों की मौत दर्ज की गई है. इसी तरह राज्य में 5 साल और शून्य से पांच साल तक के 179 बच्चों की मौत हो चुकी है. राज्यभर में 2,403 बच्चों की मौत हुई. इनमें से केवल आदिवासी इलाकों में 730 बच्चों की मौत हुई. जनवरी से मार्च 2023 के बीच आदिवासी इलाके में शून्य से एक और एक से पांच साल की उम्र के कुल 237 बच्चों की मौत हो गई थी. वर्ष 2022 के पहले दस महीनों में कोरोना महामारी (Epidemic) के दौरान 10,285 बच्चों की मौत दर्ज की गई थी. इसी कालखंड में जनजातीय क्षेत्र में शून्य से एक आयु वर्ग में बच्चों की मौत का आंकड़ा 1,931 थी, जबकि 1 से 5 वर्ष के आयु वर्ग में 2,224 बच्चों की मौत दर्ज की गई थी.
Maharashtra एकीकृत बाल विकास योजना के अध्यक्ष डॉ. दीपक सावंत ने बताया कि कुपोषण रोकने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं. आमतौर पर इस समय 80 प्रतिशत प्रसव प्रसूति अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में होती हैं. इस संख्या को 95 फीसदी तक ले जाना है. गर्भावस्था के दौरान देखभाल की कमी, अपर्याप्त दिनों की डिलीवरी जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. राज्य में मेलघाट, धारनी, चिखलदरा आदि इलाकों में कुपोषण की दर अधिक है, इन इलाकों पर ध्यान दिया जा रहा है.
