इस्लामाबाद . पाकिस्तान पर एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में जून तक बने रहने का खतरा मंडराने लगा है. आज से होने वाली एफएटीएफ की बैठक में उसे कोई राहत मिलने की उम्मीद कम ही है. उधर, फ्रांस के अलावा कुछ अन्य यूरोपीय देशों ने माना है कि पाकिस्तान ने एफएटीएफ की निर्धारित कार्ययोजना के सभी बिंदुओं का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया है. अमेरिका भी इमरान खान से डेनियल पर्ल के हत्या (Murder) रों की रिहाई को लेकर चिढ़ा हुआ है.
एफएटीएफ की मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फाइनेंसिंग पर निगरानी के लिए पूर्ण बैठक 22 फरवरी से होने वाली है. पेरिस स्थित वित्तीय कार्रवाई कार्यदल (एफएटीएफ) ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट’ में रखा था. जिसके बाद एफएटीएफ ने इस्लामाबाद को 2019 के अंत तक मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए कार्ययोजना को लागू करने के लिए कहा था. लेकिन, बाद में कोविड-19 (Covid-19) महामारी (Epidemic) के कारण यह समय सीमा बढ़ा दी गई थी.
एक पाकिस्तानी समाचार पत्र के अनुसार, एफएटीएफ का पूर्ण सत्र 22 फरवरी से 25 फरवरी तक पेरिस में आयोजित होगा जिसमें पाकिस्तान सहित ग्रे सूची में रहने समेत विभिन्न देशों के मामलों पर विचार किया जाएगा और बैठकों के समापन पर इस पर निर्णय लिया जाएगा. अक्टूबर 2020 में आयोजित अंतिम पूर्णसत्र में, एफएटीएफ ने निष्कर्ष निकाला था कि पाकिस्तान फरवरी 2021 तक अपनी ग्रे लिस्ट में जारी रहेगा क्योंकि यह वैश्विक धनशोधन और आतंकवादी वित्तपोषण निगरानी के 27 में से छह दायित्वों को पूरा करने में विफल रहा है. उसके अनुसार इसमें भारत के दो सबसे वांछित आतंकवादी-जैश-ए मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर और जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई भी शामिल है. अजहर और सईद भारत में कई आतंकवादी कृत्यों में उनकी संलिप्तता के लिए सबसे वांछित आतंकवादी हैं, जिनमें 26/11 मुंबई (Mumbai) आतंकवादी हमला और पिछले साल जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ (Central Reserve Police Force) की बस पर आतंकी हमला शामिल है.
इन घटनाक्रमों से जुड़े एक आधिकारिक सूत्र ने शनिवार (Saturday) को अखबार को बताया कि पाकिस्तान ने छह सिफारिशों का अनुपालन किया है और एफएटीएफ सचिवालय को विवरण भी प्रस्तुत कर दिया है. सूत्र ने कहा कि अब सदस्य बैठक के दौरान पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करेंगे. सूत्र ने कहा कि निर्णय सदस्यों के बीच आम सहमति से लिया जाएगा. अखबार ने एफएटीएफ को कवर करने वाले एक पत्रकार के हवाले से कहा कि कुछ यूरोपीय देशों, विशेष रूप से मेजबान फ्रांस ने, एफएटीएफ को पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाये रखने की सिफारिश की है और यह रुख अपनाया है कि इस्लामाबाद द्वारा सभी बिंदु पूरी तरह से लागू नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अन्य यूरोपीय देश भी फ्रांस का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कार्टून मुद्दे पर इस्लामाबाद की हालिया प्रतिक्रिया से फ्रांस खुश नहीं है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने पेरिस में एक नियमित राजदूत भी तैनात नहीं किया है.