इस्लामाबाद . जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के दौरे को लेकर पाकिस्तान ने गुरुवार (Thursday) को टिप्पणी की है. पड़ोसी देश ने अपील की है कि भारत कश्मीर में तटस्थ इंटरनेशनल पर्यवेक्षकों को भेजे. ये लोग कश्मीरी लोगों से बेरोक-टोक बातचीत करके जमीनी आकलन करें. पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने यह मांग की है. बता दें कि बीते दिनों यूरोप, लैटिन अमेरिका और अफ्रीकी देशों के राजनयिक दो दिन के कश्मीर दौरे पर आए थे. इन राजनयिकों ने अगस्त-2019 में संविधान के आर्टिकल 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने के बाद केंद्रशासित प्रदेश में जमीनी हालात का जायजा लेने की कोशिश की.
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता हाफिज चौधरी ने कहा कि भारत को संयुक्त राष्ट्र पर्यवेक्षकों, मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय, ओआईसी स्वतंत्र स्थायी मानवाधिकार आयोग के सदस्यों और अंतरराष्ट्रीय मीडिया (Media) को कश्मीर में जाने और कश्मीरी लोगों से बातचीत करके जमीनी हकीकत का आकलन करने की अनुमति देनी चाहिए. वहीं इसके अलावा धार्मिक कारणों से पाकिस्तान की यात्रा करने के इच्छुक सिखों को भारत की ओर से यहां आने की अनुमति नहीं दिए जाने संबंधी सवाल के जवाब में चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान भारत समेत दुनिया भर के सिख यात्रियों (Passengers) को सर्वाधिक सुविधाएं मुहैया कराता है, ताकि वे यहां अपने धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकें. उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि भारत को भी सिख यात्रियों (Passengers) को पाकिस्तान स्थित उनके धार्मिक स्थलों में आने की सुविधा देनी चाहिए. भारत ने पाकिस्तान में सुरक्षा और कोविड-19 (Covid-19) संबंधी हालात का हवाला देते हुए करीब 600 तीर्थयात्रियों (Passengers) को यहां आने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.