मनीला . दक्षिणी चीन सागर में चीन की हिमाकत बढ़ती ही जा रही है. पड़ोसियों को धमकाने में लगे चीन ने फिलीपीन्स से सटे दक्षिण चीन सागर के विवादित इलाके में अपने 220 से ज्यादा जहाजों को भेजा है. मछली पकड़ने वाले इन जहाजों ने एक विवादित द्वीप को घेर लिया है जिस पर चीन और फिलीपीन्स दोनों ही दावा करते हैं. यह द्वीप फिलीपीन्स के 200 समुद्री नॉटिकल मील की आधिकारिक जलसीमा के अंदर आता है.चीन की इस दादागिरी के बाद फिलीपीन्स ने अपने हल्के लड़ाकू विमानों को चीनी जहाजों को भगाने के लिए भेजा है.
फिलीपीन्स का मानना है कि चीनी जहाजों के साथ हथियारों से लैस मिलिशिया भी मौजूद है. फिलीपीन्स के रक्षा मंत्री के चीन से मांग की है कि वह अपने जहाजों के बेड़े को तुरंत हटा ले. फिलीपीन्स ने इन जहाजों की उपस्थिति को धमकाने वाली उपस्थिति करार दिया है. फिलीपीन्स की वायुसेना के जहाज हर दिन स्थिति की निगरानी के लिए उड़ान भर रहे हैं.
रक्षा मंत्री लोरेंजाना ने कहा कि सेना दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति को बढ़ाएगी ताकि ‘संप्रभुता गश्त’ की जा सके और फिलीपीन्स के मछुआरों की रक्षा की जा सके. उन्होंने कहा, ‘हमारे हवाई और समुद्री हथियार देश की संप्रभुता और संप्रभु अधिकारों की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.’ मनीला में चीनी दूतावास ने इस घटना पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. इससे पहले चीनी दूतावास ने कहा था कि व्हिटसुन रीफ के पास मौजूद मछली पकड़ने वाले जहाजों ने खराब मौसम की वजह से शरण ली हुई है. उसने यह भी कहा था कि इन जहाजों के साथ कोई मिलिशिया मौजूद नहीं है. फिलीपीन्स, मलेशिया, ब्रुनेई, चीन, ताइवान और वियतनाम दक्षिण चीन सागर को लेकर दावा करते हैं. इस बेहद महत्वपूर्ण इलाके से हर साल 3.4 ट्रिल्यन डॉलर (Dollar) का व्यापार होता है.