बालाघाट . पीरियड में गरीबों को पोल्ट्री ग्रेड का चावल बंटने भेज दिया गया था तो अब पोल्ट्री ग्रेड का गेहूं पीडीएस के तहत भेजा जा रहा है. मामले का खुलासा बालाघाट में हुआ जहां दो दिन पहले सीहोर से 26 हजार क्विंटल गेहूं पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) के तहत बंटने रेल रैक से भेजा गया.
बताया जाता है कि मालगाड़ी से जब यह गेहूँ उतारा गया तो उसमें से दुर्गंध आ रही थी. गेहूं पूरी तरह सड़ा व घुन लगा हुआ था. नान (नागरिक आपूर्ति निगम) ने भी माल भंडारगृहों में रखवा लिया. दो दिन से अंदर ही अंदर चल रहा यह मामला बुधवार (Wednesday) को कलेक्टर (Collector) के संज्ञान में आया और उन्होंने गेहूं की गुणवत्ता के जांच के आदेश देते हुए, फिलहाल इसके वितरण पर रोक लगा दी है. दो दिन पहले करीब पांच करोड़ रूपये कीमत का अमानक स्तर का गेहूं स्वीकारने वाला नान अब इसकी जांच कराएगा.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 11 जनवरी को सीहोर से यहां आए गेहूं में घुन इतना ज्यादा लग चुका था कि वह आटे जैसा हो गया था. कुछ बोरियों में सड़े गेहूं के बीच कीड़े बिलबिलाते भी दिखे. अधिकांश बोरियों में डस्ट भरी होना तथा कुछ बोरियों का गेहूं लुगदी जैसा बना पाया गया. नान के जीएम अमित गौंड ने कहा कि सीहोर से आये गेहूं का केवल भंडारण किया जा रहा है. गेंंहू की गुणवत्ता को लेकर जांच होने तक इसका वितरण नहीं किया जाएगा.