जबलपुर, 19 जनवरी . नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों को ऑनलाईन प्रशिक्षण देकर आनलाईन परीक्षा के माध्यम से उनकी योग्यता का आकलन करने की प्रक्रिया को लेकर आक्रोश पनप रहा है. जिसे देखते हुए मप्र अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने नई शिक्षा नीति पर ऐतराज जताते हुए इसे शिक्षकों की योग्यता पर सवालिया निशान लगाने वाला बताया गया है, मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) अधिकारी कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष रॉबर्ट मार्टिन ने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत इस पूरे देश में शिक्षकों को निष्ठा प्रशिक्षण के माड्यूल के माध्यम से ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया जा चुका है. यह प्रशिक्षण 18 माड्यूल का है. इस माड्यूल के एक प्रशिक्षण को पूरा करने में लगभग 4 घंटे का समय लगता रहा है. एनसीईआरटी दिल्ली के द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जा चुका है. तमाम समस्याओं और कार्यालयीन कार्योंं को पूरा करते हुए शिक्षक इस प्रशिक्षण का हिस्सा बन कर इसे पूरा कर चुके हैं.
संघ ने बताया कि नई शिक्षा नीति के अंतर्गत यह प्रशिक्षण निष्ठा प्रशिक्षण के नाम से दिया जा चुका है जो कि अनिवार्य प्रशिक्षण है. प्रशिक्षण में वे शिक्षक भी हिस्सा ले चुके हैं जिनकी आयु 55 वर्ष से ऊपर है और जो 60 वर्ष के हो चुके हैं और उनकी सेवानिवृत्ति पास में है. ऐसे में इन शिक्षकों का आकलन परीक्षा लेने और उसमें 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने के आधार पर करना सरासर गलत है. क्यों कि जिन शिक्षकों को ऑनलाईन परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक मिलेंगे सिर्फ उन्हे ही प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा. कम प्रशित वाले शिक्षकों को प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा यह शिक्षकों का घोर अपमान है और सरासर शिक्षकों के साथ नइंसाफी है जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है.
संघ ने बताया कि पूरे देश में लगभग 17.5 लाख शिक्षक इस प्रशिक्षण को ग्रहण कर रहे हैं परंतु 60 से 70 प्रतिशत शिक्षक नई तकनीक से कम्प्यूटर और मोबाईल चलाने में अनभिग्य है ऐसे में ये शिक्षक मोबाईल के माध्यम से परीक्षा देने में असहज महसूर कर रहे हैं. वहीं जो शिक्षक शिक्षा विभाग में 35 से 40 वर्षों से अपनी सेवा देते आ रहे हैं उनकी परीक्षा लेना अब उनकी योग्यता पर सवाल उठाना है. वहीं जब सभी प्रशिक्षणों में सिर्फ हिस्सा लेने में ऑन लाईन सर्टिफिकेट भेजा रहा है तो निष्ठा प्रशिक्षण समाप्ती के पश्चात होने वाली परीक्षा का सर्टिफिकेट सभी शिक्षकों को मिलना चाहिए न कि सिर्फ 60 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले शिक्षकों को. वहीं 18 मॉड्यूल का प्रशिक्षण समाप्त करने के बावजूद इस का मानदेय 1 हजार रू प्रति शिक्षकों के मान से आज आ प्राप्त है.
संघ के रॉबर्ट मॉर्टिन, मीनूकांत शर्मा, जियाउर्रहीम, एनोज विक्टर, शहीर मुमताज, गुडविन चाल्र्स, विनोद सिंह, दिनेश गौंड़, आशाराम झारियाए शकील अंसारी, अजय मिश्रा, गोपीशाह, ने एनसीआरटी से मांग की है कि निष्ठा प्रशिक्षण के बाद होने वाली परीक्षाओं में सभी शिक्षकों को प्रमाण पत्र जारी किये जाने चाहिए. 60 प्रतिशत अंक या उससे अधिक अंक पाने वाले शिक्षकों को अलग से पुरुष्कृत किया जाना चाहिए.