एमडीएस सीनियर सैकेण्डरी स्कूल, Udaipur में आज दिनांक 11-9-23 Monday को परम पूज्य राष्ट्र संत ललित प्रभ जी महाराज के प्रवचन का कार्यक्रम आयोजित हुआ. उनका स्वागत सत्कार व अभिनन्दन विद्यालय के न्यासी श्रीमान रमेश चंद्र सोमानी व श्रीमती पुष्पा सोमानी और विद्यालय के निदेशक डॉ शैलेन्द्र सोमानी ने किया. यह कार्यक्रम काव्यर कवि अजात शुत्र जी द्वारा संचालित किया गया. एमडीएस के कक्षा 8 से 12 तक के छात्रों व श्रद्धालुओं ने इन महान संतो के प्रवचन सुनने व दर्शन का लाभ लिया. जिसमें विद्यार्थी जीवन के सफल होने, सकारात्मक, संस्कारवान होने पर राष्ट्रसंत ललितप्रभ जी ने बहुत ही सुन्दर प्रवचन दिये.
कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय की न्यासी श्रीमति पुष्पा सोमानी न राष्ट्रसंत ललितप्रभ जी के स्वागत में केसर के पगलिये बनावा कर किया.
राष्ट्रसंत ललितप्रभ जी महाराज ने विद्यार्थियों को उत्साहित करते हुए कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण और मेहनत ही सफलता की कुंजी होती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आपकी सोच आपके जीवन को प्रभावित करती है और हार का नाम जिन्दगी नहीं है. किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए सुंदर होना अमीर घर में पैदा होना, किसी महानगर में जन्म लेना जरूरी नहीं है दुनिया के कई लोग ऐसे है जो अभावों में पैदा होने पर भी सफलता क झण्डे गाडकर बैठे है . उन्होंने मेहनत को सफलता का मूल मंत्र बताया .
संत महोदय जी ने कहा कि गांधीजी ने अपने जीवन में 3 शिक्षायें दी थी जो कि बुरा मत बोलो, बुरा मत देखों, बुरा मत सुनों, लेकिन संत महोदय जी ने एक और शिक्षा को जोड़ा कि ‘बुरा मत सोंचो‘. सभी विद्याथियों एवं पधारें सभी Udaipurवासियों को कई ऐसे लोगों का उदाहरण दिया जो अपने जीवन यात्रा में बार-बार असफल रहे थे परन्तु किस प्रकार उन्होंने अपना मुकाम इस समाज मे बनाया. विद्यार्थियों के सामने कई प्रकार के प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत कर उन्हें निरन्तर आगे बढ़ने के प्रेरित किया और कहा कि हार का नाम जिन्दगी नहीं है. सदा प्रसन्न रहो, जेब में न हो मोबाइल पर चेहरे पर रखो स्माइल और साथ ही ऊँ के उच्चारण का महत्त्व भी बताया . उन्होंने यह भी बताया कि ईश्वर का निवास मनुष्य के भीतर होता है. जब व्यक्ति मंदिर में श्रेष्ठ वस्तुए चढ़ाता है तो शरीर क्यों गलत चीजे डाल देता है स्वाद के लिए खाना अज्ञानता है स्वास्थ्य के लिए खाना बुद्धिमानी .
एमडीएस के निदेशक डॉ शैलेन्द्र सोमानी ने पधारें हुए संत महोदय का आभार व्यक्त किया एवं आर्शीवाद प्राप्त किया. इस प्रवचन कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को नई प्रेरणा दी और सकारात्मक दृष्टिकोण की महत्वपूर्ण बातें सिखाई. यह कार्यक्रम Udaipur के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण और अद्वितीय अनुभव था.
