भोपाल (Bhopal) . मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में अब निजी स्कूलों के निरीक्षण या परीक्षण के बगैर मान्यता का नवीनीकरण पांच साल के लिए होगा. एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री ने मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) बोर्ड के स्कूलों का बगैर निरीक्षण पांच साल तक मान्यता नवीनीकरण के निर्देश दिए. यह निर्णय कोविड-19 (Covid-19) महामारी (Epidemic) के दौरान अशासकीय विद्यालय के संचालन में आ रही समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2020-21 के लिए आरटीई एवं माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक शिक्षा मान्यता नियम 2017 के तहत मान्यता नवीनीकरण की आवेदन प्रक्रिया में छूट प्रदान की गई है.
माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध सभी अशासकीय विद्यालयों के संचालक विद्यालय की मान्यता एवं संबद्धता बगैर किसी निरीक्षण या परीक्षण के आगामी 5 वर्ष के नवीनीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं. स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री परमार ने कहा है कि माध्यमिक शिक्षा मंडल से संबद्ध सभी अशासकीय विद्यालय 31 दिसंबर 2020 तक मान्यता नवीनीकरण का आवेदन प्रस्तुत कर सकेंगे.
मान्यता नवीनीकरण शुल्क का भुगतान 31 दिसंबर 2021 तक एकमुश्त या तीन किस्तों में किया जा सकेगा. मंत्री के इस निर्णय के बाद प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने लोक शिक्षण संचालनालय में शुक्रवार (Friday) को प्रदर्शन करने के अपने कार्यक्रम को स्थगित कर दिया. एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा कि शासन ने हमारी एक मांग को मान ली है. हम इसका स्वागत करते हैं. बता दें कि कोरोना काल में आर्थिक तंगी से परेशान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री से मदद मांगी थी, जिसमें पांच साल का बिना निरीक्षण या परीक्षण के मान्यता देने की मांग भी की थी. साथ ही शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में 25 फीसद सीटों पर नि:शुल्क पढ़ाई कर रहे बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की मांग की थी.