
New Delhi, 18 सितम्बर . दिल्ली हाई कोर्ट ने एक व्यक्ति के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए आपराधिक मानहानि की कार्यवाही की सुनवाई खुली अदालत में नहीं करने से इनकार कर दिया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अब न्यायपालिका उस चरण में है जहां कोर्ट रूम की कार्यवाही का सीधा प्रसारण हो रहा है. कोर्ट ने कहा कि हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है कि हम खुली अदालत में सुनवाई नहीं करें.
दिल्ली Police ने इस मामले की इन-कैमरा सुनवाई करने की मांग की थी, ताकि सुनवाई की रिपोर्ट बाहर नहीं पहुंच सके. दरअसल, कोर्ट ने नरेश शर्मा नामक व्यक्ति के खिलाफ कोर्ट की अवमानना की कार्रवाई स्वत: संज्ञान लेते हुए शुरू की है. नरेश शर्मा ने सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देते हुए डिवीजन बेंच में याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि सिंगल जज को फांसी की सजा दी जाए.
सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ डिवीजन बेंच में दायर याचिका में नरेश शर्मा ने सिंगल जज पर कई आपत्तिजनक आरोप लगाए हैं. याचिका में नरेश शर्मा ने कई सरकारी अधिकारियों और यहां तक कि Supreme court के खिलाफ भी आरोप लगाए हैं.
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