2017 में नियम बना था, सब्सिट्यूट फील्डर भी विकेटकीपर के चोटिल होने पर कर सकेंगे विकेटकीपिंग
नई दिल्ली (New Delhi) . ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर खिलाड़ियों की चोट के चलते पहले से परेशान भारतीय टीम को सिडनी टेस्ट के तीसरे दिन दो बड़े झटके लगे हैं. रवींद्र जडेजा और ऋषभ पंत को ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाजों की गेंदों से चोट लगने के बाद स्कैन के लिए ले जाया गया. इन दोनों का तीसरे टेस्ट में आगे खेलना संदिग्ध हो गया है. भारत को पहला झटका लगा, जब विकेटकीपर बल्लेबाज पंत को कोहनी में चोट लग गई.
आईसीसी नियमों के तहत रिजर्व विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने उनकी जगह ली. 1980 से 2017 के बीच आईसीसी के नियमों के अनुसार चोटिल खिलाड़ी की जगह मैदान पर उतरने वाले फील्डर को विकेट कीपिंग करने की इजाजत नहीं थी. मेलबर्न क्रिकेट क्लब ने अक्टूबर 2017 में पहली बार यह नियम बनाया कि सब्सिट्यूट फील्डर भी विकेटकीपर के चोटिल होने पर विकेटकीपिंग कर सकेंगे. हालांकि फील्ड अंपायर को इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोई खिलाड़ी बेवजह इस नियम का फायदा नहीं उठा पाए.
इस नियम का पहली बार फायदा भारत ने ही उठाया था. 2018 में जोहांसबर्ग टेस्ट के दौरान भारतीय विकेटकीपर पार्थिव पटेल के चोटिल होने पर दिनेश कार्तिक ने दस्ताने पहने थे. सब्सिट्यूट फील्डर गेंदबाजी और बल्लेबाजी नहीं कर सकता. साथ ही वह कप्तानी की भूमिका भी नहीं निभा सकता. सिर्फ कनकशन (सिर में गेंद लगने पर) की स्थिति में ही दूसरे खिलाड़ियों को बल्लेबाजी और गेंदबाजी की इजाजत मिलती है. ऋषभ पंत को शनिवार (Saturday) को बल्लेबाजी के दौरान बायीं कोहनी में चोट लगी. वह पैट कमिंस की शॉर्ट गेंद पर पूल शॉट खेलते हुए खुद को चोटिल कर बैठे.
पंत पट्टी बांधकर दोबारा मैदान पर लौटे, लेकिन उस तेजी से रन नहीं बना सके. जोश हेजलवुड की गेंद पर वह विकेट के पीछे कैच देकर लौटे. इसके बाद सीनियर हरफनमौला रवींद्र जडेजा को बाएं अंगूठे में चोट लग गई है और तीसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में उनका गेंदबाजी कर पाना संभव नहीं लग रहा. उन्हें मिचेल स्टार्क की शॉर्ट गेंद दस्ताने पर लगी जिसके कारण तुरंत उपचार कराना पड़ा.