
-Vadodaraगुरुकुल के दर्शन स्वामी का सनातन धर्म पर आपत्तिजनक कथन
वडोदरा, 4 सितंबर . सारंगपुर में हनुमानजी के भित्तिचित्र विवाद अभी थमा नहीं कि दूसरे विवाद भी शुरू होने लगे है. Vadodaraगुरुकुल के दर्शन स्वामी ने सनातन धर्म परंपरा पर आपत्तिजनक बयान दिया है. दर्शन स्वामी ने Monday को गुरुकुल में कहा कि चिलम पीने वाले लोग खुद को सनातनी कहते हैं, जबकि वे तो छाती ठोंक कर कहते हैं कि वे तिलक, चांदला, चोटी रखने वाले लोग हैं तो उनसे पहले तो हम सनातनी हैं. इसलिए मेहरबानी कर स्वामीनारायण वालों को छेड़ना बंद करें.
Vadodaraगुरुकुल में उन्होंने कहा कि स्वामीनारायण भगवान सर्वोपरि हैं. स्वामीनारायण वालों को वे छेड़ना बंद करें. स्वामीनारायण वडताल पीठ संचालित सारंगपुर कष्टभंजन हनुमान मंदिर प्रांगण में स्थित किंग ऑफ सारंगपुर की 52 फीट ऊंची प्रतिमा के नीचे भित्ति चित्रों पर विवाद पहले से चल रहा है. इन चित्रों में हनुमानजी को स्वामीनारायण सम्प्रदाय के संत सहजानंद के आगे हाथ जोड़ खड़ा दिखाया गया है. इसके अलावा कुंडलपुर धाम में भी इसी तरह स्वामी नीलकंठ वर्णी के आगे हनुमानजी को फलों का टोकरी अर्पण करते हुए दिखाया गया है. इसकी वजह से सनातन धर्म के साधु-संत समेत विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से इन भित्ति चित्रों को हटाने की मांग की जा रही है.
Sunday को सारंगपुर में 500 से अधिक साधु-संत और समाज के गणमान्य लोग विरोध करने पहुंचे और मंदिर प्रशासन से मिलकर अपना आक्रोश जताया. दूसरी ओर सारंगपुर धाम में Sunday शाम स्वामीनारायण सम्प्रदाय के विभिन्न साधु-संतों की बैठक में एक संत समिति गठित कर मामले पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लेने की बात कही गई है. हालांकि सभी इस मामले में शांतिपूर्ण और उचित निर्णय की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
/ बिनोद
