रियाद . इस्लामिक कानूनों सख्ती से पालन करने वाले देश सऊदी अरब के रक्षा मंत्रालय ने नम्र रवैया अपनाते हुए महिलाओं अब महिलाएं के सेना में शामिल होने की इजाजत दे दी हैं. सऊदी अरब ने सेना के तीनों ही अंगों आर्मी, एयरफोर्स, नेवी, मेडिकल सेवा और रॉयल स्ट्रेटजिक मिसाइल फोर्स में महिलाओं के शामिल होने की अनुमति दे दी है. सऊदी अरब के महिलाओं के अनुमति देने को बड़ा कदम माना जा रहा है. सऊदी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अब महिलाएं सेना में शामिल होने के लिए आवेदन कर सकती हैं.
सऊदी अरब की महिलाओं को सैनिक, लांस नायक, नायक, सार्जेंट और स्टाफ सार्जेंट के पद के लिए आवेदन कर सकती हैं. कहा जा रहा है कि सऊदी अरब ने क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत उठाया गया है. क्राउन प्रिंस सऊदी महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में आगे बढ़ाने के लिए सुधारों को अंजाम दे रहे हैं. सऊदी अरब में महिलाओं के सेना में शामिल होने के लिए उनकी उम्र 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए. उनकी लंबाई 155 सेंटीमीटर या उससे ऊपर होनी चाहिए. महिलाओं को सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए. महिलाओं को एडमिशन प्रक्रिया को पास करना होगा. महिलाओं का कोई आपराधिक रेकॉर्ड नहीं होना चाहिए और मेडिकल तौर पर उन्हें फिट होना चाहिए.
महिलाओं के विपरीत सेना में भर्ती होने के इच्छुक पुरुषों की उम्र 17 साल से 40 साल के बीच होनी चाहिए. सऊदी अरब सरकार ने इस योजना की सबसे पहले घोषणा साल 2019 में की थी. बता दें कि सऊदी सरकार जहां महिलाओं को अवसर देने का दावा कर रही है, वहीं देश में महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिए जाने के लिए संघर्ष करने वाली देश की मशहूर महिला अधिकार कार्यकर्ता को लुजैन अल-हथलौल को 6 साल के लिए जेल में डाल दिया गया है. लुजैन को कथित तौर पर आतंकवाद के खिलाफ बनाए गए कानून के तहत सोमवार (Monday) को करीब छह वर्ष जेल की सजा सुनाई गई. सऊदी अरब में महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाली लुजैन अल-हथलौल पिछले करीब ढाई वर्ष से जेल में हैं, जिसकी आलोचना कई दक्षिणपंथी समूह ओर अमेरिकी सांसदों समेत यूरोपी संघ के सांसद (Member of parliament) भी कर चुके हैं. अल-हथलौल उन चंद सऊदी महिलाओं में शुमार थीं, जिन्होंने महिलाओं को गाड़ी चलाने की अनुमति देने और ‘पुरुष अभिभावक कानून’ को हटाने की मांग उठाई थी जोकि महिलाओं के स्वतंत्रतापूर्वक आने-जाने के अधिकारों का अतिक्रमण था.