जयपुर (jaipur) . राजस्थान (Rajasthan)सरकार ने बजट घोषणा में अपरम्परागत स्त्रोतों से प्रदेश में विद्युत उत्पादन बढ़ाने व किसानों को कृषि कार्य हेतु दिन में बिजली आपूर्ति करने हेतु घोषणा की थी. इसके लिए अपरम्परागत स्त्रोतों से बिजली उत्पादन बढाने व राज्य में इस क्षेत्र में निवेशकों को प्रोत्साहित करने हेतु राज्य सरकार (State government) ने वर्ष 2019 में नई सौर एवं पवन ऊर्जा नीति जारी की थी.
ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने बताया कि राज्य सरकार (State government) द्वारा किसानों को दिन के 2 ब्लाक में विद्युत उपलब्ध कराने के लिए 1070 मेगावाट सौर ऊर्जा खरीद हेतु निविदा में आई न्यूनतम दर पर राजस्थान (Rajasthan)ऊर्जा विकास निगम द्वारा सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड एसईसीआई के साथ करार किया है. उन्होंने बताया कि यह सौर ऊर्जा आगामी 1.5 वर्ष (18 महीने) में राज्य को उपलब्ध हो जायेगी, जिसका सीधा फायदा किसानो को दिन में बिजली उपलब्ध कराने में होगा. सोलर एनर्जी कार्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड द्वारा राजस्थान (Rajasthan)की तीनो विद्युत वितरण निगमों के लिए 1070 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादकों के चयन की प्रक्रिया माह जुलाई, 2020 में शुरू की गई थी.
राज्य सरकार (State government) की बेहतर नीतियों के फलस्वरूप सौर ऊर्जा उत्पादकों के चयन कि निविदा प्रक्रिया में निविदाकर्ता द्वारा निर्धारित मात्रा से 4 गुना (guna) मात्रा की निविदायें प्राप्त हुई है. इस निविदा प्रक्रिया के तहत 23 नवंबर, 2020 को 600 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए 2 रुपये प्रति यूनिट व 470 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए 2.01 रुपये प्रति यूनिट की दर आई, जो कि राज्य में अब तक की सबसे न्यूनतम दर है. इस न्यूनतम दर पर यह करार किया गया है.