
पूर्वी चंपारण,18 सितंबर .महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के द्धारा Monday को विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव और मानविकी एवं भाषा संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. प्रसून दत्त सिंह के संरक्षण में किया गया.
संस्कृतस्य सम्प्रतिक महत्त्वम विषयक व्याख्यान के विशिष्ट वक्ता संस्कृत भारती के अखिल भारतीय पत्राचार प्रमुख हुलासचंद थे. उन्होंने कहा कि संस्कृत भाषा में निहित वैज्ञानिकता और व्यावहारिकता से जीवन के तमाम समस्याओं का समाधान संभव है. उन्होंने संस्कृत भाषा के इस व्याख्यान में विस्तार से अपना विचार प्रस्तुत किया.
इस अवसर पर केविवि संस्कृत के विभाग अध्यक्ष डॉ. श्याम कुमार झा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्कृत न केवल एक भाषा है, अपितु भारतीय संस्कृति की वाहिका है. कार्यक्रम में संस्कृत भारती के संगठन मंत्री श्रवण कुमार,अंग्रेजी विभाग के विभागाध्यक्ष विमलेश कुमार सिंह, हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष अंजनी कुमार श्रीवास्तव सहित संस्कृत, हिन्दी तथा अंग्रेजी विभाग के अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.
कार्यक्रम का संचालन संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डा. विश्वेश ने किया . मंगलाचरण सुखन घोष के द्वारा किया गया. कार्यक्रम के अंत में परिचर्चा सत्र में संस्कृत भाषा की बोधगम्यता के विषय में छात्रों तथा शिक्षकों के प्रश्नों का उत्तर हुलास चंद्र ने दिया . कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापन संस्कृत विभाग के सहायक आचार्य डा. विश्वजीत बर्मन ने किया. शांति मंत्र के उपरांत कार्यक्रम का समापन हुआ.
/गोविन्द
