Udaipur. जीपीएस सिंड्रोम से पीड़ित किशोर का जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के एडवांस न्यूरो केयर इंस्टीट्यूट में बिना ऑपरेशन किए उपचार कर स्वस्थ किया गया.
हुआ यूं कि हार्दिक अग्रवाल को करीब दो महीने से गले और गर्दन में कमजोरी महसूस हो रही थी. इसके कारण उनके हाथ और पैर में भी कमजोरी होने लगी थी. इन्हें आईसीयू में लेकर वेंटीलेटर पर लेने की नौबत बन आई थी. न्यूरो फिजिशियन डॉ. पंकज तापड़िया ने जांच की तो इन्हें जीपीएस का पता चला. यह एक तरह का सिंड्रोम होता है जिससे मरीज कमजोरी महसूस करने लगता है.
वेंटीलेटर पर रखते हुए स्थिर करने के साथ ही ट्रेकोटॉमी की गई और उन्हें घर भेजा गया. उसके साथ ही किशोर को दवाइयों से ठीक करते हुए ट्रेकोटॉमी ट्यूब भी निकाल दी गई. अब किशोर पूरी तरह स्वस्थ है. न्यूरो फिजिशियन डॉ. पंकज तापड़िया इस तरह के सिंड्रोम वाले रोगियों के इलाज के विशेषज्ञ होने से इस बीमारी का इलाज यहां संभव हुआ.
