Maharashtra

तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम ने आध्यात्मिकता क्षेत्र में आदर्श स्थापित किया -राज्यपाल रमेश बैस,

तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम ने आध्यात्मिकता क्षेत्र में आदर्श स्थापित किया -राज्यपाल रमेश बैस,

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Mumbai ,, 26 अगस्त 😐 कोरोना महामारी (Epidemic) के दौरान जैन समुदाय ने आगे बढ़कर अपने दान से देश के लाखों लोगों की मदद की है . आज Maharashtra के राज्यपाल रमेश बैस ने आज शिक्षा, चिकित्सा और आध्यात्मिक क्षेत्र में तेरा पंथ प्रोफेशनल फोरम के कार्यों की सराहना की.वे Thane नंदनवन में आयोजित तेरा पंथ प्रोफेशनल फोरम के 16वें राष्ट्रीय अधिवेशन में बोल रहे थे.

इस अवसर पर Thane Collector अशोक शिंगारे, मीरा-भाईंदर कमिश्नर संजय काटकर, आचार्य महाश्रमण जी, साध्वी प्रचमा विश्रुत विभा जी, मुनिवर महावीर कुमार जी, साध्वी वारिया संबुद्ध यशा जी, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओस्तवाल, मुख्य ट्रस्टी चंद्रेश बाफना, गजराज पगारिया, सुशील अग्रवाल, व्यापारी नेता, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कंपनी सचिव, व्यवसायी, उद्यमी आदि उपस्थित थे.

राज्यपाल रमेश बैस ने आगे कहा कि मैं अपने चातुर्मास के लिए Maharashtra को चुनने के लिए आचार्य महाश्रमण जी का विशेष रूप से आभारी हूं. चातुर्मास स्वयं को जानने, श्रवण, मनन और मनन के माध्यम से स्वयं को महसूस करने का एक अनूठा अवसर है. हम सभी भाग्यशाली हैं कि आज आचार्य महाश्रमण हमारे बीच हैं. यद्यपि वे एक धार्मिक संस्था के आचार्य हैं, तथापि उनके विचार उदार एवं धर्मनिरपेक्ष हैं. उन्होंने लोगों को शिक्षित करने के लिए 3 देशों और 23 राज्यों की पैदल यात्रा की है.

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यह संगठन एक अद्वितीय राष्ट्रीय कार्य ‘अहिंसा यात्रा’ के माध्यम से नशामुक्ति, नैतिकता एवं सद्भावना की प्रेरणा देता है. उन्होंने कहा कि मैं संस्था की कड़ी मेहनत और तपस्या को सलाम करता हूं, उन्होंने कहा, आमतौर पर देखा जाता है कि अच्छी शिक्षा, अच्छा व्यवसाय और सफलता पाने के बाद लोग धार्मिक कार्यों से मुंह मोड़ लेते हैं. वे सोचते हैं, मैंने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, अपने बलबूते पर हासिल किया है. लेकिन ऐसा नहीं है, जीवन में कर्म के साथ अध्यात्म का जुड़ना भी जरूरी है.

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उन्होंने कहा, भारत समृद्ध संस्कृति, दर्शन और आध्यात्मिकता वाली एक महान सभ्यता है. Maharashtra महान संतों की भूमि है. हमारे देश में ज्ञानोदय की महान परंपरा में भगवान महावीर का महत्वपूर्ण स्थान है. उनका मिशन अहिंसा, संयम और अपरिग्रह की आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से लोगों का आध्यात्मिक उत्थान था.

उन्होंने आगे कहा कि कहा, भगवान महावीर की आध्यात्मिक शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए, आचार्य तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन के बैनर तले महिला उत्पीड़न, दहेज प्रथा, विधवा उत्पीड़न, अस्पृश्यता और महिलाओं पर पर्दा डालने जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई. उन्होंने नशामुक्ति के लिए एक सामाजिक अभियान शुरू किया. . आचार्य जी की प्रेरणा से हजारों लोगों ने इसमें भाग लिया है और नशामुक्ति सफल रही है..

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उन्होंने कहा, एक सफल व्यवसायी होने के नाते, आप में से प्रत्येक के पास हमारे ग्रामीण गरीबों, आदिवासियों, विकलांगों, अनाथों और जेल के कैदियों, परित्यक्त लोगों की मदद करने की शक्ति और क्षमता है. आपको अपने अंदर करुणा को जगाने की जरूरत है.

राज्यपाल ने कहा कि उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि आईएएस कोचिंग और बोर्डिंग की सुविधा आचार्य महाप्रज्ञ ज्ञान केंद्र के माध्यम से उपलब्ध करायी जा रही है, जिसे आचार्य महाप्रज्ञ जी की सलाह पर शुरू किया गया था.

/रविंद्र

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