
Mumbai ,25 अगस्त . Thane के Member of parliament राजन विचारे ने दावा किया है कि शहर में ट्रैफिक जाम के कारण बढ़ते प्रदूषण जल्द ही मुक्ति मिलेगी,इसके साथ ही जल परिवहन को बढ़ावा देने के लिए Maharashtra मैरीटाइम बोर्ड के माध्यम से पहले चरण में सागरमाला में Central Governmentऔर State government की मदद से बनने वाली जेटी को 200 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी मिल गई है.
इनमें कोलशेत स्थित जेटी का निरीक्षण किया गया. इस कोलशेत जेट्टी के लिए 36 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है और यहां रो-रो और पैसेंजर जेट्टी के काम के लिए आवश्यक परमिट पर्यावरण विभाग द्वारा जारी किए गए हैं. सीआरजेड एवं एमसीजेडएमए 20 जून 2022 को प्राप्त हो चुका है तथा उक्त कार्य बफर जोन में होने के कारण उच्च न्यायालय की अनुमति प्राप्त होना शेष है. टेंडर प्रक्रिया का काम पूरा हो चुका है, अनुमति मिलते ही कोलशेत और काल्हेर खाड़ी पार काम शुरू कर दिया जाएगा.
साथ ही यहां आने वाले Passengers के लिए इस स्थान पर एक प्रतीक्षालय और मार्ग भी विकसित किया गया है. इस चौपाटी के लिए 5 करोड़ की धनराशि खर्च की गई है और 2021 से काम शुरू हो गया है. इसमें Passengers के लिए शेड, पहुंच पथ, पार्किंग व्यवस्था, प्लेटफार्मों पर फर्श, राजहंस की मूर्तियां, रेलिंग और विद्युत कार्य समेत अन्य सुविधाएं बनाई गई हैं.
इस निरीक्षण दौरे के लिए Member of parliament राजन विखारे, Maharashtra मेरी टाइम बोर्ड के कार्यकारी अभियंता अजीत मोहिते, उप अभियंता प्रशांत सनप, कैप्टन सूरज नाइक, विधानसभा संपर्क प्रमुख नरेश मनेरा, उपजिला प्रमुख सुनील पाटिल, उप शहर प्रमुख संतोष शिर्के, दीपक साल्वी, विभाग प्रमुख प्रदीप शामिल थे.
Member of parliament राजन विखरे ने Maharashtra मैरीटाइम बोर्ड से घोड़बंदर में बनी जेटी से पर्यटकों के लिए जल क्रीड़ा और नौका यात्रा शुरू करने का अनुरोध किया है. आज Member of parliament राजन विखरे ने इस जेटी का निरीक्षण के बाद कहा कि चूंकि काम अंतिम चरण में पूरा हो रहा है, इसलिए इस सुविधा को जल्द से जल्द शुरू करने की मांग की गई है..
उल्लेखनीय है कि Central Governmentकी सागरमाला की मदद और State government की 50-50 फीसदी सब्सिडी से इस जेटी का काम साल 2018 में शुरू किया गया था. इस घाट की लंबाई 50.5×7.40 मीटर और चौड़ाई 31.50×7.40 मीटर है और यह घाट एल प्रकार साइज़ में विकसित किया गया है. इस काम पर 7 करोड़ 35 लाख रुपये खर्च हुए. और इस घाट तक जाने वाली 250 मीटर की सड़क भी विकसित की गई है.
/रविंद्र
