
जम्मू, 15 सितंबर . भाजपा का स्पष्ट रुख है कि पाकिस्तान जैसे दुष्ट राष्ट्र के साथ बातचीत करने का कोई मतलब नहीं है, जिसे विश्व स्तर पर आतंकवाद के प्रजनन स्थल के रूप में मान्यता दी गई है. भाजपा के महासचिव और पूर्व मंत्री डॉ. देविंदर कुमार मन्याल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के उस बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जिसमे उन्होंने कहा था कि भारत को पाकिस्तान के साथ सभी विवादों और युद्धों का स्थायी समाधान खोजने के लिए पाकिस्तान के साथ बातचीत करनी चाहिए.
डॉ. देविंदर कुमार मन्याल ने एनसी अध्यक्ष को याद दिलाया कि भारत एक अच्छे पड़ोसी के रूप में पाकिस्तान के साथ सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए हमेशा ईमानदार प्रयास करता रहा है लेकिन यह देश हमेशा पीठ पीछे वार करता रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 1999 में पहल की थी और दोस्ती का संदेश लेकर बस से लाहौर तक यात्रा की थी लेकिन प्रतिक्रिया स्वरूप पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को और भड़का दिया और हमें कारगिल युद्ध का सामना करना पड़ा. अटल बिहारी वाजपेयी ने 2001 में Agra समिट में तत्कालीन सैन्य जनरल, राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के साथ फिर से शांति वार्ता की, लेकिन पाकिस्तान के उदासीन रवैये के कारण यह भी एक निरर्थक अभ्यास साबित हुआ, क्योंकि वह भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रखने के लिए कभी भी गंभीर नहीं था.
डॉ. मान्याल ने सवाल किया, ऐसे देश पर कोई कैसे भरोसा कर सकता है जिसकी राज्य नीति आतंकवाद रही है. डॉ. फारूक अब्दुल्ला को पता होना चाहिए कि यह पाकिस्तान है, जिसने कई बार भारत के खिलाफ पूर्ण सैन्य और छद्म युद्ध छेड़े हैं, जबकि भारत केवल शांति चाहता था. डॉ. मन्याल ने आगे कहा कि एकमात्र मुद्दा जिस पर पाकिस्तान के साथ बातचीत हो सकती है वह है जम्मू-कश्मीर के अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों को पुनः प्राप्त करना, जिसके लिए भारतीय संसद ने वर्ष 1994 में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव अपनाया था और पूरा देश इसका समर्थन करता है. भाजपा के साथ-साथ Prime Minister Narendra Modi के नेतृत्व वाली Central Governmentआतंकवाद को पूरी तरह से खत्म करने और पीओके को भारतीय क्षेत्र में फिर से मिलाने के लिए प्रतिबद्ध है.
