नई दिल्ली (New Delhi) . केंद्र सरकार (Central Government)पेट्रोल (Petrol) की रिकॉर्ड कीमतों को लेकर धर्म संकट का सामना कर रही है, लेकिन इन चार राज्यों ने ग्राहकों को पेट्रोल (Petrol) की बढ़ती कीमतों से राहत दी है. हालांकि, हिस्सा कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों से कोई लेना-देना नहीं है और इन राज्यों ने टैक्स घटाया है.
पेट्रोल (Petrol) पर टैक्स कम करने वाले राज्यों की गिनती में रविवार (Sunday) को पश्चिम बंगाल (West Bengal) भी शामिल हो गया. यहां चुनाव होने वाले हैं. राज्य सरकार (State government) ने यहां पेट्रोल (Petrol) और डीजल पर 1 रुपया वैट कम कर दिया है. पेट्रोल (Petrol) और डीजल पर वैट सबसे पहले राजस्थान (Rajasthan)ने घटाया था. राजस्थान (Rajasthan)में 29 जनवरी को वैट 38 फीसदी से 36 फीसदी किया गया था. असम ने भी 12 फरवरी को 5 रुपये टैक्स में कम किये. यहां भी चुनाव होने वाले हैं. ये पांच रुपये बीचे साल कोविड-19 (Covid-19) से लड़ने के लिए राज्य में लगाया गया था. मेघालय ने सबसे अधिक राहत दी. यहां राज्य सरकार (State government) ने पेट्रोल (Petrol) पर 7.40 रुपये और डीजल पर 7.10 रुपये कम किये. अभी तक केंद्र सराकर ने एक्साइज ड्यूटी पर कटौती करने से साफ मना कर दिया. केंद्र सरकार (Central Government)ने पेट्रोल (Petrol) पर 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये ड्यूटी के जरिये बढ़ाया है. अभी तक केंद्र सराकर ने एक्साइज ड्यूटी पर कटौती करने से साफ मना कर दिया.
केंद्र सरकार (Central Government)ने पेट्रोल (Petrol) पर 13 रुपये और डीजल पर 16 रुपये ड्यूटी के जरिये बढ़ाया है. मार्च से मई 2020 के बीच भारत की कच्चा तेल खरीदने की लागत 19.9 डॉलर (Dollar) प्रति बैरल पर आ गई थी क्योंकि तब कोरोना महामारी (Epidemic) के कारण लॉकडाउन (Lockdown) लगा हुआ था. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के फैसले से आने वाले दिनों में तेल की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है. ओपेक ने कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ाने का फैसला किया है. ये उत्पादन जनवरी से बढ़ेगा.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान सामने आया और उन्होंने कहा कि ये हालात सरकार के लिए धर्म संकट है. रहा है. उन्होंने कहा कि यह अफसोसनाक मुद्दा है और कीमतें में कमी के अलावा कोई भी जवाब लोगों को संतुष्ट नहीं कर सकता. केंद्र और राज्य दोनों को उपभोक्ताओं के लिए उचित स्तर पर खुदरा ईंधन मूल्य में कमी लाने के लिए बात करनी चाहिए. पेट्रोल (Petrol) व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना (guna) हो जाता है. अगर केंद्र सरकार (Central Government)की एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकारों का वैट हटा दें तो डीजल और पेट्रोल (Petrol) का रेट लगभग 27 रुपये लीटर रहता, लेकिन चाहे केंद्र हो या राज्य सरकार, दोनों किसी भी कीमत पर टैक्स नहीं हटा सकती. क्योंकि राजस्व का एक बड़ा हिस्सा यहीं से आता है. इस पैसे से विकास होता है.