उदयपुर (Udaipur). उदयपुर (Udaipur) के प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान द रेडिएंट एकेडमी ने रविवार (Sunday) को नेशनल साइंस डे के उपलक्ष में आयोजित वेबीनार का सफल आयोजन किया. द रेडिएंट एकेडमी के निदेशक कमल पटसरिया ने बताया कि इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं प्रमुख वक्ता अविनाश शिरोड़े थे. अविनाश शिरोड़े ISRO से सेवानिवृत्त इंजीनियर हैं व राष्ट्रीय अंतरिक्ष विभाग यूएसए द्वारा संचालित इंडिया चैप्टर के निदेशक पद पर कार्यरत है, अविनाश शिरोड़े राष्ट्रीय अंतरिक्ष विभाग के ब्रांड एंबेसडर के पद पर भी कार्यरत है.
इस कार्यक्रम के दूसरे प्रमुख वक्ता के रूप में प्रीतम सुथार को आमंत्रित किया गया था, प्रीतम सुतार इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन इसरो में वैज्ञानिक पद पर कार्यरत है. मुख्य वक्ता अविनाश अरोड़ा ने बताया कि 28 फरवरी का दिन इतिहास में एक विशेष दिन में से एक है जिस दिन भारत के प्रमुख वैज्ञानिक सर सी वी रमन ने रमन इफेक्ट को परिभाषित किया था एवं इसी रमन इफेक्ट को परिभाषित करने पर इन्हें 1930 में सर्वोच्च नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था, तब से 28 फरवरी के दिन साइंस डे का आयोजन किया जाता है.
इसरो द्वारा प्रत्येक वर्ष इस दिन एक निश्चित थीम पर साइंस डे आयोजित किया जाता है, अतः इस साल भी यह एक विशेष थीम पर आयोजित किया जा रहा है जिसका शीर्षक है विज्ञान तकनीकी एवं आविष्कार का भविष्यः प्रभाव शिक्षा एवं कार्य. इसरो की उपलब्धियों को बताते हुए ऐसी अविनाश शिरोड़े ने कहा कि भारत अंतरिक्ष यान एवं अन्य सैटेलाइट उपकरणों में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है इसरो पीएसएलवी C-51 एवं अमज़ोनिआ-वन मिशन के साथ कुल 18 सेटेलाइट को लांच करने जा रहा है.
कार्यक्रम के अन्य वक्ता एवं वैज्ञानिक प्रीतम सुथार ने बताया कि इसरो द्वारा पिछले वर्ष में मंगलयान पर किए गए अनुसंधान एवं विकास कार्यो को भारत ही नही अपितु पूरे विश्व ने सराहा है. उन्होंने यह भी बताया कि इसरो किस प्रकार अनुसंधान एवं विकास कार्य कर रहा है. विद्यार्थियों द्वारा विशेष बातचीत में उन्होंने बताया कि किस प्रकार विद्यार्थी इसरो या अन्य अनुसंधान केंद्रों में कार्य कर सकते है.
अंत में द रेडिएंट एकेडमी के वाईएसपी हेड शुभम गालव ने मुख्य अतिथि अविनाश शिरोडे एवं प्रीतम सुथार का धन्यवाद किया एवं समस्त विद्यार्थियों को सफतला संदेश देकर उनके उज्जवल भविष्य की मंगलकामना भी की.