उदयपुर (Udaipur) . घने जंगलों में रहने वाले भालू अब शहरी क्षेत्रों का रुख कर रहे हैं. इससे भालुओं और इंसानों के बीच संघर्ष बढ़ता जा रहा है. जंगलों में पर्याप्त मात्रा में भोजन उपलब्ध होने के बावजूद आखिर भालुओं के आबादी क्षेत्रों में आने की वजह क्या है? इस पर मोहनलाल सुखाडि़या विश्वविद्यालय, उदयपुर (Udaipur) के शोधार्थी उत्कर्ष प्रजापति, असिस्टेंट प्रोफेसर विजय कुमार कोली और नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के वैज्ञानिक केएस गोपी सुंदर ने इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की तो चौंकाने वाले पहलू सामने आए. जैसे भालू को होटल (Hotel) का भोजन पसंद आ रहा है, इसलिए वह माउंट आबू (Mount Abu) में शहर के अंदर आकर सड़क किनारे कूड़े में पड़ा भोजन ढूंढकर खा रहे हैं.
दिसंबर 2018 में शुरू हुए इस शोध को करने में इन वैज्ञानिकों को पांच माह लगे और इसके बाद इस शोध पत्र को प्रकाशन के लिए कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस भेजा गया था. विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा करने के बाद रिसर्चर उत्कर्ष प्रजापति ने बताया कि दुनिया में पहली बार ऐसा देखा गया कि स्लॉथ भालू जंगल से शहर में आता देखा जा रहा है. देश में माउंट आबू (Mount Abu) एकमात्र ऐसा शहर है, जहां भालू शहर के अंदर आ कर कूड़ेदान में ढूंढ़कर खाना खा रहा हैं और इस तरह का खाना खाने के आदी हो रहे हैं. शोधार्थी उत्कर्ष ने बताया कि माउंट आबू (Mount Abu) एक टूरिस्ट स्पॉट है. यहां सड़क किनारे और होटलों के बाहर डस्टबिन में पर्यटक और होटल (Hotel) संचालकों द्वारा बचा हुआ खाना डाल दिया जाता है. इस खाने की तलाश में भालू शहर तक आ जाते हैं.
अगर कचरे के निस्तारण प्रबंधन हो तो भालुओं और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष पर काफी हद तक रोक लगाई जा सकती है. वन विभाग के उप वन संरक्षक बालाजी करी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में भालू का शहरों में दिखने की घटनाएं बढ़ गई है, जबकि इंसानों पर हमले की घटनाएं पिछले दो वर्षों में बढ़ गई है. रिसर्च के दौरान माउंट आबू (Mount Abu) और आस-पास के ग्रामीण निवासियों से भी बातचीत की गई. लोगों ने बताया कि भालू कूड़ेदान में बचा हुआ खाना खाने आते हैं, जिसमें ज्यादातर होटल (Hotel) से बचा हुआ खाना, मीठे खाद्य पदार्थ होते हैं.
पर्यावरण वैज्ञानिक केएस गोपी सुंदर के मुताबिक भालू एक संकटग्रस्त जीव है. इस प्रजाति के प्राकृतिक निवास स्थान खतरे में हैं. यही वजह है कि भालू जंगलों से शहरों की तरफ आ रहे हैं. भालुओं में बढ़ती आक्रामक प्रवृति के पीछे कूड़ेदान में फेंकी जाने वाली जूठन और अन्य खाद्य सामग्री भी है. इसकी तलाश में भालू शहरों की तरफ आकर्षित हो रहें हैं और जब इन्हें यह खाना नहीं मिलता है तो ये हिंसक हो जाते हैं. शोध में सामने आया कि अचानक सामना होने पर भालू हमला भी कर देता है, लेकिन दिलचस्प तथ्य यह है कि भालू के हमले का शिकार होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या औरतों की है. इनमें भी यदि कोई महिला बच्चों के साथ भालू के सामने आई है तो भालू ज्यादा हमलावर हुए हैं.