
Lucknow, 19 सितम्बर . Lok Sabha में भाजपा सरकार द्वारा आज पेश किये गये ‘‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘‘ महिला आरक्षण बिल को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने चुनावी जुमला बताया. उन्होंने कहा कि नौ वर्षों से अधिक का समय बीत जाने के बाद चुनावी वर्ष में यह बिल लाना देश एवं महिलाओं के साथ धोखा है. बिल के अनुसार अधिनियम लागू होने के लिए दशकीय जनगणना एवं परिसीमन जरूरी है.
अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी महिलाओं को राजनैतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए सदैव प्रयत्नशील रही है. भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने 1989 में ही संविधान संशोधन के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी स्थानीय निकाय में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महिला आरक्षण बिल Lok Sabha में पारित कराया था. इसे पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय पी0वी0 नरसिम्हा राव की सरकार ने 1992-93 में 33 प्रतिशत आरक्षण देकर लागू किया था. आज विभिन्न वर्गो की महिलाएं इसके माध्यम से प्रधान, जिला पंचायत सदस्य एम अध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख एवं मेयर बनने में सफल हो रही हैं.
उन्होंने कहा कि यूपीए की तत्कालीन चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लगातार महिला आरक्षण लागू कराने के लिए तत्पर रही. उन्हीं के प्रयासों से 2010 में महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पारित हुआ था. मोदी सरकार में भी कई बार महिला आरक्षण का मुद्दा उठाते हुए देश के प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत बिल में पिछडे़ वर्ग की महिलाओं के साथ अन्याय करते हुए उनके आरक्षण का प्रस्ताव नहीं किया गया है, यह भाजपा के पिछड़ा वर्ग विरोधी चेहरे को उजागर करता है. उन्होंने इस बिल में पिछ़डा वर्ग की महिलाओं के आरक्षण के प्रावधान की भी मांग की है. भाजपा के महिला विरोधी चेहरे को बेनकाब करते हुए उन्होंने कहा कि उप्र में भाजपा ने एक बार भी महिला Chief Minister नहीं बनाया और न ही महिला अध्यक्ष ही बनाया. 2010 में कांग्रेस द्वारा पेश किये गये महिला आरक्षण बिल के विरूद्ध मौजूदा Chief Minister योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि यह कांग्रेस का पाप है इसे भाजपा को अपने सिर पर नहीं लेना चाहिए. महिलाओं को राजनीति में लाने से उनकी घरेलू जिम्मेदारियों जैसे बच्चों की देखभाल पर क्या असर होगा. इसका परीक्षण जरूरी है तथा सफल परीक्षण के बाद ही इसे लागू किया जाना चाहिए.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने उप्र को पहली महिला Chief Minister दिया. साथ ही संगठन में कई बार महिलाओं को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाकर प्रदेश का नेतृत्व सौंपा. प्रथम प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, Lok Sabha अध्यक्ष आदि अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर महिलाओं को ला कर महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में व्यापक कार्य किया. पंचायती राज कानून के अन्तर्गत राजीव गांधी ने महिलाओं को आरक्षण देकर राजनैतिक रूप से सशक्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाया.
/उपेन्द्र/पदुम नारायण
