Udaipur. जीबीएच ग्रुप ऑफ हॉस्पीटल्स के बेडवास स्थित जीबीएच कैंसर हॉस्पीटल में Rajasthan और Madhya Pradesh के बीच पहली टोमोथैरेपी मशीन स्थापित हुई है. यह कैंसर रोगियों के लिए दुनिया की सर्वोत्तम रेडिएशन मशीन है जो करीब तीस करोड़ की लागत से स्थापित की गई है. इससेे कम समय में अन्य कोशिकाओं को बिना नुकसान पहुंचाए सटिक रेडिएशन मिलना संभव होगा.
यह जानकारी Tuesday को जीबीएच ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन एवं अंतरराष्ट्रीय कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. कीर्ति जैन ने पत्रकार वार्ता में दी. यह मशीन यूएस से आयातित की गई है जिसे Tuesday को देश-दुनिया के कैंसर विशेषज्ञों की मौजूदगी में लोगों को इलाज के लिए समर्पित की गई है. कैंसर रोगियों के लिए बहुउपयोगी यह मशीन रेडिएशन के मरीजों को कम समय में बेहतर रेडिएशन प्रदान करेगी. यह रेडिएशन मशीन सीटी स्कैन से भी सुसज्जित है इस कारण कैंसर विशेषज्ञ रेडिएशन से पहले सीटी स्कैन द्वारा रोग की स्थिति का सटिक अनुमान लगा सकेंगे. इस कारण शरीर के कैंसरग्रस्त हिस्से का सटिक, कम समय में एवं न्यूनतम साइड इफेक्ट के साथ रेडिएशन उपचार संभव होता है. साथ ही रोग मुक्त व उपयोगी कोशिकाएं सुरक्षित रखना संभव होगा.
यह जानकारी भी महत्वपूर्ण है कि पुरानी रेडियोथैरेपी पद्दति में एक मरीज के उपचार में जहां से करीब तीस मिनिट तक लग जाता था. डॉ. जैन ने बताया कि दुर्भाग्यवश कैंसर रोगियों की बढ़ी संख्या उपचार के अधिक समय एवं सुविधाजनक (अपॉइंटमेंट के कारण) परेशानी होती थी वहीं इस टोमोथैरेपी मशीन द्वारा सटिक उपचार सिर्फ पांच से सात मिनिट में ही सटिक, गुणवत्तापूर्वक उपचार सुविधाजनक समयानुसार किया जा सकता है. समय की यह बचत कैंसर रोगियों को बहुत राहत प्रदान करती है और अधिक से अधिक रोगियों का सुविधापूर्वक समय से उपचार किया जा सकता है. यह आधुनिकतम कैंसर मशीन की उपलब्धता संपूर्ण देश में बहुत कम है. डॉ. कीर्ति जैन ने घोषणा की कि इस मशीन से रेडिएशन अन्य राज्यों की अपेक्षा आधी कीमत में किया जाएगा. हर मरीज को इसका लाभ पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे.
शुरूआत में ग्रुप डायरेक्टर डॉ. आनंद झा ने टोमोथैरेपी की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह मशीन Rajasthan की पहली मशीन होने से चिरंजीवी योजना में शामिल नहीं है, लेकिन प्रयास करके State government से जल्द ही इसे शामिल कराया जाएगा जिससे अधिकाधिक लोग इसका लाभ उठा सकें. मशीन का उद्घाटन चेयरमैन डॉ. कीर्ति जैन के नेतृत्व में डब्ल्यूएचओ फ्रांस मंे कैंसर रिसर्च एजेंसी के प्रमुख डॉ. पार्थ बसू, इंग्लैंड के किंग्स कॉलेज से डॉ. रिचार्ड सुलिवन, डॉ. अरनी पुरूषोत्तम, Tamil Nadu के डॉ. स्वामीनाथन की मौजूदगी में संपन्न हुआ. कार्यक्रम में कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. रोहित रेबेलो, डॉ. मानसी शाह, डॉ. ममता लोढ़ा, डॉ. कुरेश बंबोरा, डॉ. ममन सरूपरिया मौजूद रहे. अंत में धन्यवाद की रस्म डायरेक्टर डॉ. सुरभि पोरवाल ने अदा की.
डब्ल्यूएचओ और जीबीएच मिलकर कर रहे कैंसर जागरूकता का काम
डब्ल्यूएचओ के डॉ. पार्थ बसू ने कहा कि डब्ल्यूएचओ देश में कैंसर जागरूकता व समय पर कैंसर का पता लगाने के लिए कार्य कर रहे है. डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य कैंसर से होने वाली मौतों पर काबू पाना है. इसके पायलट प्रोजेक्ट में Kerala, तमिलनाडू और Rajasthan के Udaipur में किया गया. Udaipur में जीबीएच मेमोरियल कैंसर हॉस्पीटल ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत खेरवाड़ा, गोगुंदा और झाड़ोल के आठ हजार लोगों में स्क्रीनिंग कार्य किया है. यह एक वर्ष का पायलट प्रोजेक्ट समाप्ति के बाद दो वर्षीय प्रोजेक्ट राजसमंद के रेलमगरा और Udaipur के कुराबड़, गिर्वा क्षेत्र में दिया गया है. इसमें अधिकाधिक संख्या को जोड़कर कैंसर स्क्रीनिंग के कार्य किए जाएंगे.
अगले दो साल में जागरूकता कार्यक्रम को देश के गांवों तक पहुंचाना है. इधर, डब्ल्यूएचओ की ओर से आयोजित अंतरराष्ट्रीय एसीसीआई कांफ्रेंस Tuesday को संपन्न हुई. इसमें अगले दो साल में देश के गांवों तक कैंसर जागरूकता अभियान की अलख सरकार व अन्य एजेंसियों की मदद से पहुंचाने का निर्णय लिया गया. इसमें पाया गया कि दूरदराज से कैंसर सेंटर्स तक मरीजों की पहुंच नहीं हो पाना, जांच के बाद इलाज में लगने वाले समय और लागत मुख्य कारण रहे हैं. इसमें महिलाओं में होने वाले गर्भाशय के मुंह के कैंसर, ओरल कैंसर, हाइपरटेंशन पर स्क्रीनिंग की जाएगी.
