New Delhi, 1 मई (Udaipur Kiran) . West Bengal के कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के एक बयान ने कांग्रेस के लिए खासी मुश्किल खड़ी कर दी है. Lok Sabha में कांग्रेस के नेता रहे अधीर रंजन चौधरी ने एक चुनावी सभा में कहा था- ‘अगर कांग्रेस को नहीं तो भाजपा को वोट दें, लेकिन टीएमसी को नहीं.’ पार्टी के नेता जयराम रमेश ने कहा कि उन्होंने यह वीडियो नहीं देखा है . उन्होंने यह भी कहा है कि किस संदर्भ में उन्होंने यह बात कही, उन्हें यह पता नहीं है.
एक वायरल वीडियो के बाद से चर्चा है कि West Bengal में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और बहरामपुर Lok Sabha सीट से पार्टी के उम्मीदवार अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और लेफ्ट का चुनाव जीतना जरूरी है. यदि कांग्रेस और लेफ्ट चुनाव नहीं जीते तो भारत की धर्मनिरपेक्षता को नुकसान होगा. Lok Sabha सीट पर वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार मुर्तुजा हुसैन के समर्थन में लालगोला चुनावी सभा में अधीर चौधरी ने कथित तौर पर यह भी कहा कि तृणमूल को वोट देने की तुलना में भाजपा को वोट देना कहीं बेहतर है.
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि वे यहां पर स्पष्ट कर देना जरूरी समझते हैं कि कांग्रेस पार्टी का एक ही लक्ष्य 2019 में भाजपा को जो सीटें मिली थी, उसमें कमी लाना है. उन्होंने कहा कि यह Assembly Elections नहीं Lok Sabha चुनाव है. यहां वामपंथी पार्टियां और कांग्रेस गठबंधन में है. उन्होंने यह भी कहा कि हालांकि हम टीएमसी के साथ सीट-बंटवारा नहीं कर सके लेकिन ममता बनर्जी ने भी कहा है कि टीएमसी इंडी गठबंधन का हिस्सा है.
उल्ल्लेखनीय है कि West Bengal में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं, हालांकि कांग्रेस का लेफ्ट पार्टियों के साथ गठबंधन हुआ है और कांग्रेस ने लेफ्ट के लिए 12 सीटें छोड़ी हैं. इन 12 सीटों पर कांग्रेस ने उम्मीदवार खड़ा नहीं किया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और तृणमूल कांग्रेस ( टीएमसी) राज्य की सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. ममता बनर्जी कांग्रेस, भाजपा और लेफ्ट पार्टियां पर एक-दूसरे की मदद करने का आरोप लगाती रही हैं. अधीर रंजन चौधरी के बयान के बाद West Bengal में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच कलह बढ़ गई है.
(Udaipur Kiran) / बिरंचि सिंह/जितेन्द्र