कांग्रेसी नेताओं ने विधान सभा में श्वेत पत्र लाकर एसवाईएल का किया था गुणगान :भगवंत मान

लुधियाना में आयोजित बहस में भाग लेते प्रदेश वासी

लुधियाना, 01 नवंबर . Punjab के Chief Minister भगवंत सिंह मान ने कहा कि कांग्रेस लीडरशिप ने बेझिझक होकर 80 के दशक में Punjab विधान सभा में श्वेत पेपर लाकर सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर के हक में कसीदे पढ़े थे. उन्होंने कहा कि सतलुज यमुना लिंक नहर Punjab के राजनैतिक नेताओं की तरफ से अपने ही राज्य और लोगों के साथ किये फ़रेब, गद्दारी और गुनाह की दर्द भरी गाथा है.

Chief Minister ने Wednesday को यहां ‘मैं Punjab बोलदा हां’ बहस के दौरान कहा कि राज्यों के बीच पानी का मसला हल करने के लिए देश भर में एकमात्र ‘अंतरराज्यीय दरियाई पानी विवाद एक्ट-1956’ लागू है, परन्तु Punjab और Haryana के बीच पानी के वितरण के लिए ‘Punjab पुनर्गठन एक्ट-1966’ के जरिये अलग व्यवस्था की गई है. भगवंत सिंह मान ने कहा कि Central Governmentने Punjab के साथ हमेशा ही भेदभाव किया है, परन्तु Punjab के नेता इस विश्वासघात वाले कदम को सही ठहराने के लिए व्हाइट पेपर लाये, जो शर्मनाक बात है.

Chief Minister ने आगे कहा कि ‘Punjab पुनर्गठन एक्ट-1966’ के मुताबिक Punjab और Haryana के बीच सभी जल संसाधनों के वितरण 60:40 के अनुपात मुताबिक हुई थी, परन्तु तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 24 मार्च, 1976 को नोटिफिकेशन जारी करके Punjab और Haryana के बीच रावी-ब्यास नदियों के पानी का वितरण 50: 50 के अनुपात के साथ कर दिया, जो सीधे तौर पर Punjab के हितों के खि़लाफ़ था. उन्होंने कहा कि उस मौके पर राज्य के Chief Minister ज्ञानी जैल सिंह ने Punjab के हितों को अनदेखा किया और Central Governmentकी कठपुतली की तरह भूमिका निभाई.