शिमला, 29 अप्रैल (Udaipur Kiran) . Himachal Pradeshमें Lok Sabha चुनाव और छह सीटों पर विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासत गरम है और दोनों प्रमुख सियासी दल भाजपा और कांग्रेस एक-दूसरे पर जमकर प्रहार कर रहे हैं. दोनों दलों के बीच चल रही जुबानी जंग के बीच सत्ताधारी कांग्रेस ने चुनाव आयोग को भी निशाने पर लिया है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह प्रदेश में विकास कार्यो में बाधा डाल रहा है. उन्होंने आयोग पर प्रदेश के साथ विकास के मामलों को लेकर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि लंबे समय से विभिन्न विभागों से सम्बंधित 34 मामलों में से 27 मामले आयोग के पास अनुमति के लिये लंबित पड़े है. उन्होंने आयोग पर जानबूझ कर इन्हें लटकाने का आरोप लगाया है.
जगत सिंह नेगी ने Monday को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता के चलते आवश्यक कार्य,जोकि हर साल नियमित तौर पर होते है, पूरी तरह ठप पड़ गए है. उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊपरी भागों में मौसम के अनुरूप ही सड़को या अन्य जनहित से जुड़े कार्य थोड़े समय ही होते है. अगर इस समय यह कार्य पूरे नही हुऐ तो इसका नुकसान लोगों को भुगतना पड़ सकता है.
नेगी ने कहा कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले ही सरकार ने अपने इन आवश्यक व नियमित कार्यो को पूरा करने के लिये आयोग से अनुमति मांगी थी. उन्होंने कहा कि सरकार ने आयोग से उन विभागों में नियुक्तियों के परिणाम निकालने की अनुमानित भी मांगी थी, जिनकी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि उद्योग विभाग में स्कूलों के लिये डेस्क बैंच खरीद के लिये टेंडर लगने थे वह भी नही लग रहें है जबकि स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है. इसी तरह अध्यापको के रिक्त पद भी भरे जाने थे.
जगत सिंह नेगी ने चुनाव आयोग से आग्रह किया कि वह प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए उसके पास पड़े सभी जनहित के कार्यो की पूरा करने की अनुमति सरकार को दें. उन्होंने कहा कि प्रदेश में चुनाव अंतिम चरण में है और लंबे समय तक आचार संहिता के चलते विकास कार्य बुरी तरह प्रभवित हो रहें है लिहाजा आयोग को प्राथमिकता के आधार पर इन कार्यो को पूरा करने की अनुमति तुरंत दी जानी चाहिए.
(Udaipur Kiran) /उज्ज्वल